हाईटेक व्यवस्था में गन्ना किसान फेल, विभाग संभालेगा कमान
कुशीनगर के गन्ना किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है अब तक जिले के 2.12 लाख में से सिर्फ 11 हजार किसान ही भर सके हैं आनलाइन घोषणा पत्र इस समस्या के समाधान के लिए विभाग अब मिल कर्मचारियों के साथ मिलकर किसानों का घोषणा पत्र भरवाएगा।
कुशीनगर : गन्ना विभाग के हाईटेक व्यवस्था में जिले के किसान पूरी तरह से फिट नहीं बैठ रहे हैं। आनलाइन घोषणा पत्र भरवाने की विभागीय परीक्षा (प्रयास) में केवल पांच फीसद किसान ही पास हो सके हैं, 95 फीसद फेल हो गए। ऐसे में गन्ने की खेती व मिल के सामने संकट न खड़ा हो इसको लेकर विभाग ने खुद कमान संभाली है। विभाग के गन्ना पर्यवेक्षक व मिल के कर्मचारियों के साथ मिलकर शेष बचे किसानों का घोषणा पत्र भरवाएंगे।
दरअसल, विभाग ने गन्ना के रकबे की शीघ्र पड़ताल करने व किसानों को सहूलियत देने के लिए आनलाइन घोषणा पत्र भरने की व्यवस्था की है। विभाग के अनुसार जिले में 2.12 लाख गन्ना किसान हैं। 31 जुलाई तक किसानों को इसको भरकर विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना था। 11 हजार किसान ही सहज जनसेवा केंद्र व अन्य माध्यमों से इसको भर सके। ऐसे में गन्ने की फसल बोए जाने को लेकर रकबे का आंकड़ा जुटाने व इसकी खेती को लेकर ही संकट खडृा हो गया। रकबा की पड़ताल के बाद ही विभाग बीज आवंटन व मिलों का क्षेत्र तय करता है। आनन-फानन में इसकी तिथि बढ़ाकर 20 अगस्त की गई। गन्ना समितियों के 53 गन्ना पर्यवेक्षेक व चीनी मिलों के 158 कर्मचारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि शेष बचे किसानों का घोषणापत्र सहज जन सेवा केंद्र या अन्य माध्यमों से भरवाएं।
पहले यह थी व्यवस्था
इससे पहले गन्ना पर्यवेक्षक खेत पर पहुंचकर खुद किसानों से बात करके इसको भरते थे और वेबसाइट पर अपलोड करते थे। इसको लेकर कर्मचारियों पर मनमानी का आरोप लगता था। पारदर्शिता लाने को लेकर आनलाइन घोषणा पत्र भरने का निर्देश शासन ने दिया। विभाग ने आनलाइन व्यवस्था का फरमान तो दे दिया, लेकिन किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया।
डीसीओ वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि
आनलाइन घोषणा पत्र भरने को लेकर किसान पीछे रह गए हैं। किसानों के पास एंड्रायड फोन नहीं है तो सहज जनसेवा केंद्र पर भी परेशानी हो रही है। इसलिए दो लाख 12 हजार में से महज 11 हजार किसान ही भर सके। ऐसे में विभाग खुद अब किसानों से मिलकर उनका घोषणा पत्र भरवाएगा।