7200 महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगा गन्ना विभाग, दिया जाएगा प्रशिक्षण
गोरखपुर गन्ना परिक्षेत्र में 7200 महिलाओं को 240 स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा। इन महिलाओं को एक आंख के गन्ने के टुकड़े से गन्ने का नया पौधा तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि यह महिलाएं गन्ने की उन्नतिशील प्रजातियों की नर्सरी तैयार कर सकें।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : गोरखपुर गन्ना परिक्षेत्र में 7200 महिलाओं को 240 स्वयं सहायता समूहों से जोड़ा जाएगा। इन महिलाओं को एक आंख के गन्ने के टुकड़े से गन्ने का नया पौधा तैयार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि यह महिलाएं गन्ने की उन्नतिशील प्रजातियों की नर्सरी तैयार कर सकें। इससे गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ेगा। महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।
महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गन्ने की नर्सरियां तैयार करवाता है गन्ना विभाग
गन्ना विभाग प्रति वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गन्ने की नर्सरियां तैयार करवाता है। उसके बाद गन्ने के पौधों को गन्ना किसानों को बेचा जाता है। गत वर्ष गोरखपुर परिक्षेत्र में महिला स्वयं सहायता समूहों की ओर से 20 लाख गन्ने के पौधे तैयार किए गए थे। इसकी बिक्री करके महिलाओं ने 60 लाख रुपये की आय की थी। इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्रों में 240 स्वयं सहायता समूह गठित करके 7200 महिलाओं को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।
कई स्वयं सहायता समूहों का किया गया गठन
उपायुक्त गन्ना उषा पाल ने बताया कि गोरखपुर जिले में 40 समूह, महराजगंज में 80 समूह व बस्ती में 120 समूहों के गठन का लक्ष्य दिया गया है। इसमें से गोरखपुर में 15, बस्ती में 25, महराजगंज में 16 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर लिया गया है। इन समूहों को गन्ना विकास परिषद व चीनी मिलों के द्वारा संयुक्त रूप से प्रशिक्षण दिया जाएगा।
नगर निगम में महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा लगाने की तैयारी शुरू
नगर निगम में निर्माणाधीन सदन भवन के सामने महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रतिमा की स्थापना और पार्क बनाने के लिए लाइब्रेरी की जर्जर हो चुकी दीवार तोड़ी जाएगी। निष्प्रयोज्य हो चुके ट्यूबवेल को हटाने की पहले ही संस्तुति की जा चुकी है। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने निर्माणाधीन सदन भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने सदन भवन का नक्शा देखने के साथ ही निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए। नगर आयुक्त ने बताया कि 15 नवंबर तक सदन भवन का निर्माण कार्य पूरा कराने के निर्देश दिए गए हैं। कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज (सीएंडडीएस) के अफसरों को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता लगातार चेक करने को कहा गया है। गुणवत्ता में कमी मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।