सूचना प्रकाशन न होने पर चीनी मिल की नहीं हुई नीलामी, श्रमिकों का 12 करोड़ रुपये बकाया Gorakhpur News

कानपुर सुगर वर्क्‍स लिमिटेड की बंद गौरीबाजार चीनी मिल की नीलामी की तारीख बढ़ा दी गई है। अब नीलामी 24 मार्च को होगी। ढाई अरब रुपये से अधिक मूल्य पर इसकी नीलामी की जाएगी। एसडीएम सदर सौरभ सिंह ने इसकी सूचना प्रकाशित कराई है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 06 Mar 2021 03:10 PM (IST) Updated:Sat, 06 Mar 2021 03:10 PM (IST)
सूचना प्रकाशन न होने पर चीनी मिल की नहीं हुई नीलामी, श्रमिकों का 12 करोड़ रुपये बकाया Gorakhpur News
गौरीबाजार चीनी मिल की नीलामी तारीख बढ़ाई गई। फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन : कानपुर सुगर वर्क्‍स लिमिटेड की बंद गौरीबाजार चीनी मिल की नीलामी की तारीख बढ़ा दी गई है। अब नीलामी 24 मार्च को होगी। ढाई अरब रुपये से अधिक मूल्य पर इसकी नीलामी की जाएगी। एसडीएम सदर सौरभ सिंह ने इसकी सूचना प्रकाशित कराई है।

श्रमिकों का चीनी मिल पर 12 करोड़ रुपये बकाया

गौरीबाजार चीनी मिल पर श्रमिकों का करीब 12 करोड़ रुपये बकाया है। भुगतान के लिए श्रमिकों की ओर से लंबे समय से आवाज उठाई जा रही है। इसके बाद भी भुगतान नहीं किया जा रहा है। इस मामले में उप श्रमायुक्त गोरखपुर ने सदर तहसील प्रशासन को आरसी जारी कर वसूली के निर्देश दिए थे। मिल स्वामी के खिलाफ आरसी जारी की गई। इसके बाद भी बकाया जमा नहीं किया गया। उप श्रमायुक्त गोरखपुर के निर्देश पर सदर तहसील प्रशासन ने 18 अगस्त, 2020 को कुर्क की कार्रवाई पूरी की। इसके बाद भी चीनी मिल स्वामी की तरफ से बकाया जमा नहीं किया गया। अब नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहले तीन मार्च को नीलामी की तारीख नियत थी, लेकिन सूचना का प्रकाशन न होने के कारण नीलामी नहीं हो सकी।

इन गांवों में है चीनी मिल के नाम भूमि

गौरीबाजार विकास खंड के सात गांवों बखरा, इंदूपुर, अतरडीहा, हरेरामपुर, भटौली खुर्द, पाननकुंडा व कालावन में चीनी मिल की भूमि है। इसका मूल्यांकन कराया जा चुका है। उप निबंधक सदर की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी कीमत ढाई अरब रुपये से अधिक आंकी गई है।

तीन मार्च को होनी थी नीलामी, अब 24 मार्च को होगी

एसडीएम सदर सौरभ सिंह ने बताया कि मूल्यांकन की धनराशि से कम बोली लगाने पर नीलामी की कार्रवाई नहीं की जाएगी। 24 मार्च को नीलामी की तारीख नियत की गई है। अब इसी तिथि को नीलामी होगी, ताकि किसानों का बकाया दिलाया जा सके। मिल पर किसानों का ज्‍यादा रकम बकाया है। ऐसे में मिल की नीलामी जरूरी है।

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