हर लड़की को आत्मनिर्भर बनाना है सुधा की मुहिम Gorakhpur News

आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने सिलाई-कढ़ाई का रास्ता चुना है जिस व्यवसाय से वह खुद भी जुड़ी हुई हैं। वह इच्छुक गरीब लड़कियों को मुफ्त में सिलाई-कढ़ाई सिखाकर व्यवसाय के लिए तकनीकी रूप से दक्ष बनाती हैं ताकि वह आत्‍मनिर्भर बन सकें।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 01:55 PM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 01:55 PM (IST)
हर लड़की को आत्मनिर्भर बनाना है सुधा की मुहिम Gorakhpur News
आत्‍मनिर्भर बन चुकींं लड़कियों के साथ सुधा मोदी, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। शहर की महिला व्यवसायी सुधा मोदी को एक अजीब सी धुन है। वह हर जरूरतमंद लड़की को अपने पैरों पर खड़े देखना चाहती हैं। अपनी इस धुन को उन्होंने केवल अपने मन तक ही सीमित नहीं रखा है बल्कि धरातल पर भी उतारकर मुहिम भी बनाया है। इस प्रयास से वह अबतक तीन दर्जन लड़कियों को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। खास बात यह है कि कोरोना काल में भी उनकी यह मुहिम थमने नहीं पाई है बल्कि इस काल में उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर अभियान से भी जोड़ लिया है।

आत्मनिर्भर बनाने के लिए चुना सिलाई-कढ़ाई का रास्ता

आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्होंने सिलाई-कढ़ाई का रास्ता चुना है, जिस व्यवसाय से वह खुद भी जुड़ी हुई हैं। वह इच्छुक गरीब लड़कियों को मुफ्त में सिलाई-कढ़ाई सिखाकर व्यवसाय के लिए तकनीकी रूप से दक्ष बनाती हैं और फिर उन्हें सिलाई मशीन भेंटकर व्यावसायिक बनाती हैं। अपने इस अभियान को को अंतिम रूप से सफल बनाने के लिए वह गरीब लड़़कियों की शादी भी कराती हैं, जिसकी पूरा जिम्मेदारी वह खुद उठाती हैं। शादी के बाद लड़की का पति उसके विकास की राह में बाधा न बने, इसके लिए वह पति की न केवल काउंसिल करती हैं बल्कि कुछ समय तक मानिटङ्क्षरग भी करती हैं। लड़़कियों की आत्मनिर्भरता के लिए उन्होंने एक और विकल्प खोल रखा है। जो लड़़की उन्हें खुद के व्यवसाय के लिए इच्छुक नहीं देती, उसे अपने संस्थान में काम देती हैं और बदले में मानदेय के तौर पर उचित धनराशि उपलब्ध कराती हैं। बकौल सुधा इस अपने इस अभियान के तहत वह अबतक एक दर्जन से ज्यादा लड़कियों की शादी करा चुकी हैं और तीन दर्जन से ज्यादा लड़़कियों को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं। आरती, रोमा, स्वीटी, सीता, शशिकला जैसी लड़कियों का पारिवारिक जीवन सुधा की इसी मुहिम से जुड़़़कर काफी सुखमय है। सुधा कहती हैं कि उन्हें इस कार्य में आत्मिक सुकून के साथ-साथ ही प्रधानमंत्री के देशव्यापी अभियान से जुड़कर काम करने का मौका भी मिला है।

लड़़कियों को दिलाती हैं नर्स की ट्रेनिंग

सिलाई-कढ़ाई के अलावा लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुधा मोदी ने एक और रास्ता चुना है। वह इच्छुक लड़कियों को नर्सिंग की ट्रेङ्क्षनग भी दिलाती है, जिसका खर्च वह खुद उठाती हैं। उनके प्रयास से अबतक आधा दर्जन से अधिक लड़कियां नर्स बनकर कोरोना काल में मरीजों की सेवा कर रही हैं।

मलिन बस्ती की लड़कियों पर कर रहीं काम

अपने मुहिम का दायरा बढ़ाने के लिए सुधा मोदी लालडिग्गी स्थित मलिन बस्ती की छोटी-छोटी बच्चियों के संपर्क में हैं। पठन-पाठन में मदद कर बचपन से ही उनके मन में मान-सम्मान के साथ आत्मनिर्भर बनने का जज्बा उनमें भर रही हैं। उनका कहना है कि जिस बच्ची भी जरा भी संभावना या इच्छा दिखेगी, वह उसका अंत तक साथ देंगी। 

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