तीन दिवसीय सीरत-उन-नबी जलसा में 20 जनपदों छात्र करेंगे प्रतिभाग
मियां साहब इस्लामियां इंटर कालेज में सीरत-उन-नबी का तीन दिवसीय जलसा 29 30 नवंबर और एक दिसंबर को आयोजित होगा। इसमें मेरठ अलीगढ़ लखनऊ बाराबंकी बस्ती सिद्धार्थनगर महराजगंज कुशीनगर देवरिया मऊ आजमगढ़ तथा प्रयागराज समेत 20 जिलों के छात्र शामिल होंगे।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। मियां साहब इस्लामियां इंटर कालेज में सीरत-उन-नबी का तीन दिवसीय जलसा 29, 30 नवंबर और एक दिसंबर को आयोजित होगा। इसमें मेरठ, अलीगढ़, लखनऊ, बाराबंकी, बस्ती, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, मऊ, आजमगढ़ तथा प्रयागराज समेत 20 जिलों के छात्र शामिल होंगे। इस बार वाद-विवाद प्रतियोगिता त्रिभाषी होगी, जिसमें प्रतिभागी हिंदी, उर्दू या अंग्रेजी में अपने विचार रख सकेंगे।
कोरोना की वजह से पिछले वर्ष नहीं हो पाया था जलसा
यह जानकारी कालेज के प्रधानाचार्य व जलसे के संयोजक जफर अहमद खां एवं सह संयोजक रिजवानुल हक ने दी। वह 27 नवंबर को संयुक्त रूप से पत्रकारों से मुखातिब थे। रिजवानुल हक ने बताया कि पिछले वर्ष कोरोना महामारी के कारण जलसा नहीं हो सका था। इस बार कोरोना प्रोटोकाल का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा।
तीन वर्गों में आयोजित होगी प्रतियोगिता
प्रतियोगिता के लिए कुल तीन वर्ग प्राथमिक, कनिष्ठ एवं वरिष्ठ बनाए गए हैं। मकतब, मदरसा, स्कूल और कालेज के अलग-अलग वर्ग हैं। कुल छह वर्गों में प्रतियोगिताएं होंगी। प्रत्येक वर्ग में किरत (सस्वर पाठ), भाषण, इस्लामी प्रश्नोत्तरी और नात प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
लगाई जाएगी दीनी तालीम नुमाइश
उन्होंने बताया कि प्रतियोगिता के साथ-साथ दीनी तालीमी नुमाइश (धार्मिक शिक्षा प्रदर्शनी) भी लगाई जाएगी। उद्घाटन 29 नवंबर को शाम 6.30 बजे गोविवि के विधि विभाग के वरिष्ठ प्रो.नसीम अहमद करेंगे। दो दिसंबर को सुबह 10 से दोपहर दो बजे तक दीनी तालीमी नुमाइश सिर्फ महिलाओं के लिए खुलेगी।
विशेष लोक अदालत 22 जनवरी को
पारिवारिक विवादों का बिना मुकदमा दाखिल किए निस्तारण कराने के लिए 22 जनवरी को दीवानी कचहरी में विशेष लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। उक्त जानकारी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव देवेंद्र कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि इस विशेष लोक अदालत की अध्यक्षता जनपद न्यायाधीश तेज प्रताप तिवारी एवं प्रधान परिवार न्यायाधीश देवेंद्र सिंह करेंगे। इस लोक अदालत में बिना मुकदमा दाखिल किए प्री लिटिगेशन स्तर पर ही वैवाहिक विवादों का निपटारा आपसी सुलह समझौते के आधार पर किया जाएगा। इस लोक अदालत में पीड़ित पति - पत्नी मात्र एक प्रार्थना पत्र देकर अपने विवादों का निस्तारण करा सकते हैं।