CBSE छात्रों ने कहा-परीक्षा से अधिक खुद की सुरक्षा जरूरी, सरकार का निर्णय सही Gorakhpur News
छात्रों का कहना है कि इस समय परीक्षा से अधिक जरूरी खुद की सुरक्षा है। हालांकि छात्रों ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कक्षा दस के छात्रों को नंबर देने में बोर्ड को रियायत बरतने को कहा ताकि नंबर के कारण छात्रों का हित प्रभावित न हो।
गोरखपुर, जेएनएन। देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए केंद्र सरकार ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाओं को लेकर बुधवार को अहम फैसला लिया। सीबीएसई कक्षा दसवीं की परीक्षा जहां इस साल रद्द कर दी गई वहीं कक्षा बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला लिया गया। परीक्षा को लेकर सरकार के इस फैसले को छात्र-छात्राओं ने वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए उचित कदम बताया है। छात्रों का कहना है कि इस समय परीक्षा से अधिक जरूरी खुद की सुरक्षा है। हालांकि छात्रों ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर कक्षा दस के छात्रों को नंबर देने में बोर्ड को रियायत बरतने को कहा, ताकि नंबर के कारण छात्रों का हित प्रभावित न हो। जागरण से बातचीत में छात्रों ने खुलकर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
सरकार का निर्णय सही
कक्षा दस के छात्र शाश्वत त्रिपाठी का कहना है कि परीक्षा को लेकर मेरी तैयारी पूरी थी। यदि मैं परीक्षा देता तो अच्छे हासिल करता, लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए सरकार ने जो निर्णय लिया है। वह मेरे हिसाब से सही है। यदि आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर नंबर मिले तो बोर्ड उसमें रियायत बरते। कक्षा दस की छात्रा अनुकृति का कहना है कि कोविड-19 को देखते हुए यह निर्णय उचित है। परीक्षा से अधिक खुद की सुरक्षा जरूरी है। हम स्वस्थ्य रहेंगे तभी आगे कुछ कर सकेंगे। हालांकि इस बार हमारा पहला बोर्ड था इसलिए हम काफी उत्साहित थे।
परीक्षा रद किए जाने का निर्णय उचित
कक्षा 12 की छात्रा तन्वी सिंह का कहना है कि छात्रों के लिए परीक्षा रद्द किया जाना उचित कदम है। कक्षा बारहवीं की परीक्षा कराई जानी चाहिए, लेकिन नई डेटशीट जारी करने के साथ-साथ बोर्ड को छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए वह सभी एहतियात बरते जाने चाहिए, जो जरूरी है।
कक्षा दस की छात्रा यशिका बजाज का कहना है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए परीक्षा रद्द करने का निर्णय सही है। लेकिन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर छात्रों को नंबर देने से छात्र-छात्राओं को नुकसान व फायदा दोनों है। ऐसे में बोर्ड को मेधावी छात्रों के लिए अलग से परीक्षा कराना उचित ज्यादा उचित होगा।