सीलिंग पर सख्ती, भूमाफिया की सांस अटकी, जमीन को धोखे से बेचने की शिकायत

महादेव झारखंडी के टुकड़ा नंबर तीन में सीलिंग की 25 एकड़ जमीन को 33 करोड़ रुपये में बेचने के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद भू-माफिया सकते में आ गए हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीलिंग की जमीनों को खरीदने या एग्रीमेंट कराने वाले भू-माफिया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Tue, 30 Nov 2021 04:13 PM (IST) Updated:Tue, 30 Nov 2021 04:13 PM (IST)
सीलिंग पर सख्ती, भूमाफिया की सांस अटकी, जमीन को धोखे से बेचने की शिकायत
सीलिंग पर सख्ती, भूमाफिया की सांस अटकी। प्रतीकात्‍मक फोटो

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महादेव झारखंडी के टुकड़ा नंबर तीन में सीलिंग की 25 एकड़ जमीन को 33 करोड़ रुपये में बेचने के मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद भू-माफिया सकते में आ गए हैं। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीलिंग की जमीनों को खरीदने या एग्रीमेंट कराने वाले भू-माफिया जहां मामूली मुनाफे पर जमीन बेचकर फरार होने की तैयारी में हैं, वहीं इससे पीडि़त लोग अब आवाज भी उठाने लगे हैं। इस क्रम में चौरीचौरा में भी सीलिंग की जमीन पर प्लाटिंग कर बेचने की शिकायत हुई है।

सांसद ने की शिकायत

सांसद विजय दुबे ने मंडलायुक्त को लिखे पत्र में बताया है कि भूमाफिया ने सीलिंग की 40 एकड़ जमीन पर न केवल धोखाधड़ी करते हुए अतिक्रमण कर लिया है बल्कि उसे अवैध कब्जा कर बेच भी दिया है। सांसद ने एडीजी और मंडलायुक्त से भूमाफिया पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की मांग की है।

चौैरीचौरा में माफिपया ने बेंच दी 40 एकड सीलिंग की जमीन

कुशीनगर सांसद विजय दुबे ने मंडलायुक्त से की शिकायत में बताया है कि चौरीचौरा तहसील क्षेत्र में शासन ने 40 एकड़ जमीन को सरप्लस घोषित करते हुए यूपी सीलिंग एक्ट के तहत सीलिंग में डाल दिया था, लेकिन कुछ प्रशासनिक और चकबंदी कर्मचारियों की मिलीभगत से पुराने एवं फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जालसाजों ने सीलिंग की जमीन पर अपना नाम चढ़वा कर जमीन पर कब्जा कर लिया। शिकायत हुई तो तत्कालीन जिलाधिकारी ने दस्तावेजों को फर्जी मानते हुए खतौनी से नाम खारिज करने के साथ ही जालसाजों पर मुकदमा दर्ज कराने का भी आदेश दिया।

डीएम के आदेश के बावजूद बेची गइ्र जमीन

इसी जांच प्रक्रिया के दौरान कुछ जालसाजों ने सीलिंग की दूसरे के नामों से रजिस्ट्री कराकर इस पर कब्जा कर लिया। डीएम के आदेश पर हाइकोर्ट ने रोक लगाते हुए व्यवस्था दी कि कोई भी इस पक्ष इस जमीन को बेच नहीं सकेगा। सांसद ने शिकायत में बताया है कि तत्कालीन डीएम के आदेश के बावजूद जालसाजों पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ, जिससे उनका हौसला बढ़ गया और वह सीलिंग की जमीन को प्लाटिंग कर बेच रहे हैं।

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