त्योहारों के मद्देनजर सीमा पर कड़ी चौकसी, दोनों देशों ने एक-दूसरे को सौंपी शातिर अपराधियों की सूची
कोरोना संक्रमण के कारण मार्च 2020 के बाद पहली बार दोनों देशों के पुलिस-प्रशासन एवं सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में साझा अपराध नियंत्रण अभियान चलाने तस्करी रोकने की रणनीति तैयार कर शातिर अपराधियों के नाम व उनके लोकेशन की सूची साझा की गई।
गोरखपुर, जेएनएन। भारत-नेपाल सीमा खुलने के साथ दोनों देशों के सीमाई जिलों के आला अफसरों की हर छह माह में होने वाली समन्वय बैठक फिर शुरू हो गई। कोरोना संक्रमण के कारण मार्च 2020 के बाद पहली बार दोनों देशों के पुलिस-प्रशासन एवं सीमा पर तैनात सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों की बैठक हुई। सिद्धार्थनगर पुलिस लाइन सभागार में हुई बैठक में साझा अपराध नियंत्रण अभियान चलाने और तस्करी रोकने की रणनीति तैयार कर शातिर अपराधियों के नाम व उनके लोकेशन की सूची साझा की गई।
सीमा पार करने वालों की कड़ी जांच होगी
बैठक में सिद्धार्थनगर के डीएम दीपक मीणा ने कहा कि खुली सीमा के कारण बेहद संवेदनशील इस क्षेत्र में त्योहार को लेकर सतर्कता बढ़ाई गई है। सीमा पर नेपाल की सुरक्षा एजेंसी इसमें सहयोग करें। सीमा पार करने वालों की सघन चेकिंग की जाए। नेपाल के कपिलवस्तु जिले के सीडीओ (जिलाधिकारी) दान बहादुर कार्की ने कहा संक्रमण के कारण डेढ़ वर्ष तक सील रही सीमा खुल गई है, लेकिन नेपाल में प्रवेश करने के लिए कोविड जांच रिपोर्ट दिखाना अनिवार्य है। एसपी डा. यशवीर सिंह ने कहा सीमा पर सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। मानव व मादक पदार्थ तस्करी के मामलों पर रोक लगाने की आवश्यकता है। दोनों देश की पुलिस साझा अभियान चलाए। अपराध पर नियंत्रण के लिए बीते 10 वर्ष की अवधि में सामने आए अपराधियों की सूची एक-दूसरे को सौंपी जाए। इस पर सभी की सहमति बनी।
चौकी प्रभारियों व पुलिस अधिकारियों का एक बनेगा वाट्सएप ग्रुप
यह भी तय हुआ कि दोनों देश के नियुक्त एसओ, चौकी प्रभारी व पुलिस अधिकारियों का एक संयुक्त वाट्सएप ग्रुप बनाया जाए, जिस पर सूचनाओं का आदान-प्रदान कर एक दूसरे का सहयोग व समन्वय किया जाए। बैठक का संचालन एएसपी सुरेश चंद्र रावत ने किया। नेपाल के कपिलवस्तु जिले के पुलिस अधीक्षक धारूबा बहादुर कार्की, सशस्त्र सीमा बल के कमान अधिकारी 43वीं वाहिनी अमित ङ्क्षसह समेत अन्य पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
रुपनदेही में नागरिक व पुलिस के बीच झड़प में हुई थी चार लोगों की मौत
उधर, नेपाल के रुपनदेही जिले के बुटवल के पास मोतीपुर क्षेत्र से कर्फ्यू हटा लिया गया है। अतिक्रमण हटाने को लेकर सशस्त्र पुलिस बल व नागरिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था। एहतियात के तौर पर सशस्त्र पुलिस बल की टोलियां गश्त में लगाई गई हैं। विवाद की जांच के लिए जांच टीम गठित कर दी गई है। सशस्त्र पुलिस बल ने जांच के दौरान 100 से भी अधिक पेट्रोल बम, बांस के डंडे व चाकू बरामद करने का दावा किया है। बुटवल के मोतीपुर औद्योगिक क्षेत्र में 10 अक्टूबर को कब्जा व अतिक्रमण हटाने गई नेपाल सशस्त्र पुलिस बल और अतिक्रमणकारियों के बीच संघर्ष हुआ था। पुलिस की फायरिंग में चार लोगों की मौत हो गई थी। एक अन्य मृतक की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। सशस्त्र पुलिस बल के एसपी राजेश उप्रेती समेत कुल 37 पुलिस कर्मी घायल हुए थे।