देवरिया में सरयू की धारा में यात्रियों से भरा स्टीमर बहा, बड़ा हादसा टला devaria News

देवरिया में सरयू की धारा में यात्रियों से भरा स्टीमर बह गया। समय से जानकारी मिल जाने के कारण दूसरी नाव ने इसमें सवार सभी लोगों को बचा लिया। इससे एक बड़ा हादसा टल गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 12 Jul 2020 01:57 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jul 2020 07:04 PM (IST)
देवरिया में सरयू की धारा में यात्रियों से भरा स्टीमर बहा, बड़ा हादसा टला devaria News
देवरिया में सरयू की धारा में यात्रियों से भरा स्टीमर बहा, बड़ा हादसा टला devaria News

गोरखपुर, जेएनएन। देवरिया जिले के बरहज थानाक्षेत्र में रविवार को सरयू नदी के परसिया देवार घाट से यात्रियों को लेकर आ रहा स्टीमर सरयू की धारा में बह गया। नाव में उस समय करीब 30 यात्री सवार थे। दो घंटे तक यात्रियों की सांसें अनहोनी को लेकर अटकी रही। दूसरा स्टीमर भेजकर यात्रियों को सुरक्षित किनारे लाया गया।

लगातार बढ़ रहा है सरयू का जलस्‍तर

सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा है। यात्रियों को नदी पार लाने ले जाने के लिए पीडब्ल्यूडी ठेके पर इंजन युक्त नाव लगाया है। रविवार की सुबह करीब नौ बजे परसिया देवार घाट से 30 यात्रियों और बाइक, साइकिल को लेकर एक स्टीमर बरहज घाट के लिए चला। बीच धारा में पहुंचने पर स्टीमर की पंखी में बोरा फंस गया। जिससे वह अनियंत्रित होकर नदी की धारा में बहने लगा। स्टीमर के अनियंत्रित होते ही उस पर सवार यात्रियों की सांस अटक गई। करीब नौ सौ मीटर दूर पूरब तरफ स्टीमर आकर रुका। दूसरा स्टीमर नाव सवार लोगों को बचाने के लिए भेज गया, वह भी रेत में उगे खर में फंस गया। किसी प्रकार स्टीमर निकाल यात्रियों को सुरक्षित बरहज घाट पर लाया गया। स्टीमर बहने की जानकारी होते ही मौके पर नायब तहसीलदार जितेंद्र कुमार सिंह और कमलाकांत भाष्कर, चौकी इंचार्ज आशुतोष कुमार पहुंच गए। स्टीमर चालक लालधर मांझी ने बताया कि स्टीमर के पंखे में बोरा फंस जाने से स्टीमर बह गया। नायब तहसीलदार ने बताया कि सभी को सुरक्षित लाया गया है।

कुशीनगर के आधा दर्जन गांवों में घुसा पानी

उधर, नेपाल की पहाडिय़ों में लगातार हो रही बारिश और वाल्मिकीनगर बैराज से रोजाना डिस्चार्ज बढ़ाए जाने से नारायणी उफना गई है। नदी का जलस्तर बढऩे से कुशीनगर के दियारा इलाके के आधा दर्जन गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया। इससे बांध से सटे व आसपास के गांवों के लोगों की नींद उड़ गई है। अब लोगों ने सुरक्षित ठिकाना तलाशना शुरू कर दिया है। इस बीच वाल्मिकीनगर बैराज से दो लाख 86 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से शिवपुर, हरिहरपुर, नारायणपुर, बसंतपुर, मरिचहवा समेत आधा दर्जन गांवों में तबाही आ गई है। गांवों में पानी घुसने से कई लोगों के घर डूब गए हैं। हालांकि डिस्चार्ज बढ़ाए जाने की पूर्व सूचना से ग्रामीण अलर्ट रहे और सामान को सुरक्षित कर घर छोड़ चुके थे। इसलिए जनधन की क्षति नहीं होने पाई है। भैंसहा गेज पर नदी का जलस्तर चेतावनी ङ्क्षबदु से 67 सेमी ऊपर दर्ज किया गया। एसडीएम ने गांवों में राजस्व टीम की तैनाती कर दी है। गांवों में बाढ़ का पानी घुसने की सूचना पर विधायक जटाशंकर त्रिपाठी ने एसडीएम कोमल यादव के साथ जायजा लेकर बचाव कार्य की स्थिति जानी। दियारा इलाके में जाने के लिए कोई मार्ग न होने से विधायक और एसडीएम को बिहार प्रांत के नौरंगिया से होकर महराजगंज जिले के सोहगीबरवा होकर जाना पड़ा। वहां के गांवों में चार से पांच फिट पानी भरा हुआ है। विधायक ने एसडीएम से बाढ़पीडि़तों को हर संभव मदद करने को कहा। कहा कि बचाव व राहत कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। एसडीओ राजेंद्र पासवान ने कहा कि बांध व ठोकर पर नदी का दबाव है, निगरानी की जा रही है। तहसीलदार एसके राय व नायब तहसीलदार रवि यादव राजस्व टीम के साथ ग्रामीणों को राशन व अन्य सामग्री देने में जुटे रहे।

एपी बांध पर बढ़ा नारायणी का दबाव

सेवरही: नारायणी के डिस्चार्ज में वृद्धि होने से एपी बांध के कई जगहों पर नदी का दबाव बढ़ गया है। नदी के रुख में अचानक परिवर्तित रुख से ग्रामीणों के होश उड़ गए हैं। पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर 75.65 मीटर पर पहुंच गया है। नदी खतरे के निशान 76.20 से मात्र 55 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। बांध के किमी 0.800 जंगली पट्टी के सामने, किमी 1300.00 बाघाचौर व किमी 1400.00 अहिरौलीदान में स्थिति संवेदनशील हो गई है। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता भरत राम ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।

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