विवाद में फंसी जीडीए की अत्याधुनिक टाउनशिप, ग्रामीणों ने काम रोका Gorakhpur News
जीडीए की गोरखपुर में 170 एकड़ में प्रस्तावित अत्याधुनिक टाउनशिप का वहां के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। जीडीए ने ट्रांसमिशन उपकेंद्र बनाने के लिए बिजली निगम को करीब आठ हजार वर्ग मीटर जमीन की रजिस्ट्री की है।
गोरखपुर, जेएनएन। खोराबार में 170 एकड़ में प्रस्तावित अत्याधुनिक टाउनशिप का वहां के ग्रामीणों ने विरोध शुरू कर दिया। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने ट्रांसमिशन उपकेंद्र बनाने के लिए बिजली निगम को करीब आठ हजार वर्ग मीटर जमीन की रजिस्ट्री की है। बिजली निगम की ओर से शनिवार को वहां खोदाई कराई जा रही थी, इसे टाउनशिप का काम समझकर करीब 50 लोग काम रुकवाने पहुंच गए। वहां उन्हें उपकेंद्र के बारे में जानकारी हुई।
ग्रामीणों का कहना है कि अभी खाली जमीन पर निर्माण हो रहा है, बाद में उनका घर तोड़ा जाएगा। इधर जीडीए का कहना है कि करीब दो दशक पहले की खोराबार में 175 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गई थी। काश्तकारों को मुआवजा दिया जा चुका है। वहां कई लोगों ने अवैध कब्जा किया है।
वर्तमान रेट पर मुआवजा की मांग
ग्रामीणों का कहना है कि वे रविवार को भी सुबह 10 बजे पहुंचकर निर्माण कार्य रोकेंगे। कुछ ग्रामीण वर्तमान सर्किल रेट पर मुआवजा चाहते हैं, जिससे दूसरी जगह जमीन खरीदकर मकान बना सकें। विरोध करने वालों में वहीं कुछ ग्रामीणों की मांग है कि उन्हें वर्तमान सर्किल रेट के हिसाब से मुआवजा दिया जाए ताकि वे दूसरी जगह जमीन खरीदकर अपना परिवार बसा सकें।
ग्रामीणों ने रविवार की सुबह 10 बजे फिर मौके पर पहुंच घेराव करने और निर्माण कार्य नहीं होने देने का निर्णय किया है। विरोध करने वालों में इंदल, शैलेंद्र, निदेश पासवान, परमहंस पासवान, सुनील, मनोहर, राजकुमार पासवान, मनोज पांडेय, राजू पांडेय, विमल पांडेय, पप्पू पांडेय, छोटेलाल, रविश जायसवाल, मोहन लाल, रामसवर आदि शामिल रहे।
जीडीए ने कर लिया है अधिग्रहण
जीडीए का कहना है कि वहां की जमीन पर अधिग्रहण किया जा चुका है। काश्तकारों को मुआवजा भी मिल चुका है। जिन्होंने मुआवजा नहीं लिया, उनका पैसा रेवेन्यू डिपाजिट (आरडी) खाते में डाल दी गई है। वहां से वे कभी भी मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं। अधिग्रहण के बाद भी 100 से अधिक लोगों ने कब्जा किया है। उन्हें बेदखल करने की प्रक्रिया के तहत आदेश पारित हो रहे हैं।
जीडीए सचिव राम सिंह गौतम ने बताया कि ट्रांसमिशन उपकेंद्र के लिए आइ हजार वर्ग मीटर जमीन दी गई है। बिजली निगम की ओर से ही निर्माण कराया जा रहा होगा। अभी जीडीए कोई निर्माण नहीं कर रहा। जीडीए ने वहां करीब 175 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया है। जिन लोगों ने जमीन पर कब्जा किया है, उन्हें हटाने की प्रक्रिया चल रही है।