Railway News: एनईआर के इस रूट पर बढ़ जाएगी रफ्तार, फर्राटा भरेंगी इलेक्ट्रिक से चलने वाली मेमू ट्रेनें

पूर्वोत्तर रेलवे के गोरखपुर-कप्तानगंज-पनियहवा रेलमार्ग के दोहरीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने 992 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है। वर्ष 2025 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। हालांकि कार्य चरणवार होगा। वर्ष 2023 से ही चरणवार कार्य पूरे होने लगेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 11:42 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 01:31 PM (IST)
Railway News: एनईआर के इस रूट पर बढ़ जाएगी रफ्तार, फर्राटा भरेंगी इलेक्ट्रिक से चलने वाली मेमू ट्रेनें
गोरखपुर-कप्तानगंज-पनियहवा रेलमार्ग के दोहरीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर कैंट-कप्तानगंज रेलमार्ग की रफ्तार भी बढ़ जाएगी। एक्सप्रेस ही नहीं लोकल रूट पर इलेक्ट्रिक से चलने वाली मेमू ट्रेनों के संचालन की जगह भी मिल जाएगी। विद्युतीकरण के बाद पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने गोरखपुर-कप्तानगंज-पनियहवा रेलमार्ग के दोहरीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लगभग 90 किमी रेलमार्ग के सर्वे व नक्शा के लिए एजेंसी नामित हो गई है। यार्ड और ब्रिज प्लान बनाने का कार्य भी शुरू हो गया है।

90 किमी रेलमार्ग का सर्वे व नक्शा के लिए एजेंसी नामित, यार्ड प्लान एवं ब्रिज प्लान बनाने का कार्य शुरू

फिलहाल, पूर्वोत्तर रेलवे के इस महत्वपूर्ण मार्ग के दोहरीकरण के लिए रेल मंत्रालय ने 992 करोड़ रुपये स्वीकृत कर दिया है। वर्ष 2025 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है। हालांकि, कार्य चरणवार होगा। वर्ष 2023 से ही चरणवार कार्य पूरे होने लगेंगे। वैसे भी रेलवे प्रशासन ने इस रेलमार्ग पर ट्रेनों की गति 100 से 110 किमी प्रति घंटा करने की कवायद तेज कर दी है। दिसंबर तक ट्रेनें 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगेंगी। लेकिन दोहरीकरण के बाद ट्रेनों की अधिकतम रफ्तार 130 किमी पहुंच जाएगी। रेलमार्ग पर ट्रेनों की संख्या तो बढ़ेगी ही, समय पालन भी दुरुस्त हो जाएगा।

भटनी- औडि़हार रेलमार्ग पर दोहरीकरण तेज

महत्वपूर्ण भटनी-औंडि़हार रेलमार्ग का दोहरीकरण भी तेज हो गया है। 117 किमी रेलमार्ग पर मिट्टी भराई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। तीन चरणों में निर्माण कार्य पूरा होगा। कुछ खंडों में वर्ष 2021-22, कुछ खंडों में 2022-23 व अंतिम कार्य 2024 तक पूरा हो जाएगा। कार्य पूरा होते ही गोरखपुर- वाराणसी के बीच चलने वाली ट्रेनों का आवागमन और सुलभ हो जाएगा। इस रूट पर भी ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी।

छह माह में पूरा हो जाएगा इन आठ रेलमार्गों का दोहरीकरण

सीतापुर- परसंडी - दिसंबर 2021 तक

पैतीपुर- बुढ़वल - जनवरी 2022 तक

मल्हौन- डालीगंज - मार्च 2022 तक

छपरा- माझी- मार्च 2022 तक

सहतवार- बलिया- मार्च 2022 तक

फेफना- करीमुद्दीनपुर- मार्च 2022 तक

औंडि़हार- डोभी - मार्च 2022 तक

डोभी- मुफ्तीगंज- मार्च 2022 तक

पूर्वोत्तर रेलवे में तेज गति से बदलाव चल रहा है। यह रेलवे छोटी लाइन से बड़ी लाइन और अब मल्टीपल लाइन की ओर अग्रसर है। गोरखपुर के रास्ते छपरा से बाराबंकी प्रमुख मार्ग का दोहरीकरण पहले ही हो चुका है। छपरा से प्रयागराज रामबाग के मध्य ज्यादातर खंडो का दोहरीकरण हो चुका है। शेष खंडों पर कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है। भटनी-औंडि़हार खंड का दोहरीकरण प्रगति पर है। बुढ़वल - सीतापुर दोहरीकरण का कार्य भी तेज गति से चल रहा है। गोरखपुर कैंट से पनियहवा तक के दोहरीकरण का कार्य स्वीकृत है। इस खंड में यार्ड प्लान एवं ब्रिज प्लान बनाने का कार्य चल रहा है। इससे लाइन की क्षमता बढ़ जाएगी। आवश्यकतानुसार ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। - पंकज कुमार स‍िंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।

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