आरओ का पानी व नशे की लत कमजोर कर रही हड्डियां, सरकारी नल या गहरे बोरिंग का पानी ज्यादा लाभदायक

विशेषज्ञ डाक्टरों के मुताबिक आरओ के पानी से कैल्शियम मैग्नीशियम जिंक सोडियम क्लोराइड व पोटैशियम आदि मिनरल निकल जाते हैं। इससे मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूत करने वाले तत्व शरीर को मिल नहीं पाते हैं। इसलिए बीमारी बढ़ रही है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Tue, 20 Oct 2020 08:00 AM (IST) Updated:Tue, 20 Oct 2020 08:20 PM (IST)
आरओ का पानी व नशे की लत कमजोर कर रही हड्डियां, सरकारी नल या गहरे बोरिंग का पानी ज्यादा लाभदायक
विश्व आस्टियोपोरोसिस दिवस पर प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। आस्टियोपोरोसिस बीमारी अब युवाओं व बच्चों को भी गिरफ्त में लेने लगी है। यह आमतौर पर 50 वर्ष से ऊपर के व्यक्तियों को होती है। इस बीमारी में हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और बिना कारण भी टूट जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार आरओ के पानी से सभी तरह के मिनरल्स बाहर हो जाते हैं जो मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूत करते हैं। दूसरी तरफ नशे की लत भी हड्डियों को नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे में व्यायाम न करना आग में घी का काम करता है।

विशेषज्ञ डाक्टरों के मुताबिक आरओ के पानी से कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, सोडियम, क्लोराइड व पोटैशियम आदि मिनरल निकल जाते हैं। इससे मांसपेशियों व हड्डियों को मजबूत करने वाले तत्व शरीर को मिल नहीं पाते हैं। इससे हड्डियां कमजोर होती जा रही हैं। साथ ही दर्द की दवाएं खाने, फास्ट फूड, एसी में देर तक बैठने, गैस बनने पर तुंरत दवा खा लेने व नशे की वजह से आस्टियोपोरोसिस हो सकती है। डाक्टरों का कहना है कि आरओ के पानी जगह सरकारी नल या विशेषज्ञों की देखरेख में कराई गई बोङ्क्षरग का पानी ज्यादा लाभदायक है। नशे से बिल्कुल दूर रहने की जरूरत है।

मेडिकल कालेज में अप्रैल से अब तक मरीजों का इलाज

हड्डी के कुल मरीज 698 हैं।

आस्टियोपोरोसिस के 210 मरीज हैं।

महिला-               130 हैं।

पुरुष-                  90 

बच्चे-                  00

इस समय भर्ती-        50

आस्टियोपोरोसिस के-  18

पुरुष-                  13

-महिला-                05

जिला अस्पताल में देखे गए मरीज

हड्डी के कुल मरीज-      40000

आस्टियोपोरोसिस के-      25000

-महिलाओं की संख्या      60 फीसद

-पुरुषों की संख्या-         30 फीसद

-युवाओं-बच्चों की संख्या- 20 फीसद

बीआरडी में चल रहा शोध

बीआरडी मेडिकल कालेज में अस्थि रोग विभाग के अध्‍यक्ष डा. पवन प्रधान का कहना है कि मेडिकल कालेज में अस्थि रोग विभाग में इस विषय पर शोध चल रहा है। ताकि वृद्ध मरीजों की बार-बार हड्डी टूटने की समस्या को कम किया जा सके और युवाओं में इसके फैलाव पर रोक लगाई जा सके। गंभीर मरीजों को भर्ती कर इलाज भी किया जा रहा है। जरूरी होने पर आपरेशन भी हो रहे हैं। हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डा. इमरान अख्‍तर का कहना है कि आरओ के पानी की जगह सरकारी नल या गहरे बोङ्क्षरग का पानी पीयें। आरओ कंपनियों की वेबसाइट पर भी इसके पानी के दुष्प्रभावों को प्रदर्शित किया गया है। सुबह की धूप व संतुलित आहार लें। नियमित व्यायाम करें। कैल्शियम, प्रोटीन व विटामिन डी, सी, के से युक्त भोजन लें। उम्र बढऩे पर आस्टियोपोरोसिस से यह बचाएगा।

क्‍या है कारण

यह रोग महिलाओं में आमतौर पर रजोनिवृत्ति के बाद पाया जाता है।

50 वर्ष की आयु से अधिक उम्र के लोगों को अधिक होता है।

माता-पिता को है तो भी संतान को हो सकता है।

कम कैल्शियम एवं कम आहार का सेवन करना।

 लंबे समय तक स्टेरायड का सेवन।

अधिक आराम व निष्क्रिय जीवन शैली।

धूमपान, शराब आदि का सेवन।

इसके क्‍या हैं लक्षण

पीठ में दर्द।

समय के साथ लंबाई में कमी।

शरीर का झुकना।

कलाई, कूल्हे या रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर।

ये हैं रोकथाम के उपाय

कैल्शियम व विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।

दूध, दही, हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर आहार व धूप का सेवन करें।

नियमित व्यायाम व योगासन करें।

धूमपान व शराब के सेवन से बचें।

शरीर का वजन, विटामिन डी व कैल्शियम के स्तर की जांच करवाते रहें।

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