World liver day: लिवर पर भी पड़ रहा कोरोना का असर, शराब व धूमपान न करें Gorakhpur News

शराब के सेवन लंबे समय तक डायबिटीज कोलेस्ट्राल का अनियंत्रित स्तर ज्यादा वजन लिवर को फैटी बना दे रहा है। समय से न चेतने पर लिवर सिरोसिस भी हो सकता है। पूर्वांचल में फैटी लिवर के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 03:07 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 03:07 PM (IST)
World liver day: लिवर पर भी पड़ रहा कोरोना का असर, शराब व धूमपान न करें Gorakhpur News
लिवर के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। फेफड़ों पर हमला करने वाला कोरोना वायरस लिवर को भी नुकसान पहुंचा रहा है। जिन लोगों में पहले से लिवर की बीमारियां हैं उनमें खतरा ज्यादा बढ़ जा रहा है। स्वस्थ लिवर वाले कोरोना संक्रमितों में कोरोना खत्म होने के साथ ही लिवर का सूजन भी खत्म हो जाता है। कोरोना की शुरुआत से ही डाक्टर शरीर के सभी अंगों को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर खानपान, व्यायाम, योग की सलाह दे रहे हैं।

ऐसे काम करता है लिवर

शरीर में पहुंचे नुकसानदायक पदार्थों को बाहर करता है, कोलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करता है, खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है, रक्त के थक्के के निर्माण में सहायता करता है।

फैटी लिवर बन रहा जानलेवा

शराब के सेवन, लंबे समय तक डायबिटीज, कोलेस्ट्राल का अनियंत्रित स्तर, ज्यादा वजन लिवर को फैटी बना दे रहा है। समय से न चेतने पर लिवर सिरोसिस भी हो सकता है। पूर्वांचल में फैटी लिवर के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसमें पेट काफी बड़ा हो जाता है, लंबे समय तक वसा जमा रहने से लिवर का आकार बढ़ जाता है और इसमें सूजन आ जाती है।

यह हैं फैटी लिवर के लक्षण

मिचली आना, चिड़चिड़ाहट होना, भूख न लगना, आलस आना, शरीर का रंग बदलने लगना (पैरों में भूरापन, आंखों में पीलापन बना रहना), पैरों में लगातार सूजन रहना, हमेशा थकान महसूस करना, वजन का अचानक कम हो जाना, चक्कर आना, पेट में दाहिनी तरफ ऊपर की ओर लगातार दर्द रहना

इस तरह से करें बचाव

मोटापा नियंत्रित रखें, ब्लड शुगर नियंत्रित, यदि मोटे हैं तो अचानक वजन कम न करें, शराब और सिगरेट का सेवन बंद करें, कोलेस्ट्राल व ब्लड प्रेशर नियंत्रित करें, स्वस्थ और संतुलित भोजन लें, नियमित व्यायाम करें, फाइबर युक्त फल, सब्जियां, बींस और साबुत अनाज आदि का भोजन में इस्तेमाल करें। तला-भुना और जंक फूड खाने से बचें, फूड चार्ट के हिसाब से भोजन करें, बिना चिकित्सक की सलाह दर्दनिवारक दवा न लें। गैस्ट्रोएंटेरोलाजिस्ट डा. सुनील केजरीवाल का कहना है कि पूर्वांचल में हेपेटाइटिस बी व सी के मामले कम हुए हैं लेकिन फैटी लिवर के मामले बढ़ गए हैं। खून की एसजीओटी व एसजीपीटी, लिवर एंजाइम, अल्ट्रासाउंड से इसका पता चलता है। व्यायाम बढ़ाएं, खानपान सही रखें। समय से इलाज न होने पर लिवर सिरोसिस भी हो सकता है।

वरिष्ठ फिजिशियन डा. अखिलेश सिंह का कहना है कि अनियंत्रित जीवनशैली, खानपान में तली-भुनी चीजों का इस्तेमाल, शारीरिक व्यायाम न होने के कारण ब'चों में भी फैटी लिवर के मामले आने लगे हैं। शराब का सेवन भी लिवर को काफी नुकसान पहुंचा रहा है। कई लोग बिना डाक्टर की सलाह दर्द निवारक लेकर भी लिवर को खतरे में डाल रहे हैं।

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