Olympic day: अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की फौज कर रहे तैयार, ओलंपिक में मेडल जीतने की निरंतरता जारी

पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के महासचिव पंकज कुमार सिंह का कहना है कि ओलंपिक 2021 के लिए एथलीट प्रियंका गोस्वामी ने क्वालीफाई कर पूर्वोत्तर रेलवे के साथ देश का नाम भी रोशन किया है। राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का परचम लहराते रहे हैं।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 04:29 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 07:18 PM (IST)
Olympic day: अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की फौज कर रहे तैयार, ओलंपिक में मेडल जीतने की निरंतरता जारी
खिलाडि़यों को खेल की बारीकियां सिखाते नेशनल कोच चंद्र विजय सिंह। सौ.स्वयं।

गोरखपुर, जेएनएन। वर्ष 2013 में राष्ट्रीय कुश्ती कोच की पांच सदस्यीय टीम में शामिल होने के बाद महज दो वर्ष में ही चंद्र विजय सिंह ने भारत के दो खिलाडिय़ों को ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करा दिया। रेलवे के हरदीप सिंह और सेना के रविंद्र खत्री वर्ष 2016 में ब्राजील के रियो में आयोजित ओलंपिक के ग्रीको रोमन स्पर्धा में कोई मेडल तो नहीं जीत पाए, लेकिन अपने प्रदर्शन से देशवासियों का दिल जरूरत जीत लिया। लेकिन ठीक एक साल बाद हरदीप ने 2017 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित कामनवेल्थ चैंपियनशिप में 97 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीत लिया। रेलवे के खिलाड़ी सुनील ने भी 87 किग्रा भार वर्ग में गोल्ड मेडल जीता। सुनील ने तो वर्ष 2020 में दिल्ली में आयोजित एशिया चैंपियनशिप में भी गोल्ड जीतकर भारत का झंडा बुलंद कर दिया।

इन लोगों को मिली पहचान

हरदीप, रविंद्र और सुनील ही नहीं देशभर के दर्जनों खिलाड़ी नेशनल ग्रीको रोमन कुश्ती टीम के कोच चंद्र विजय सिंह की देखरेख में पसीना बहा रहे हैं। चंद्र विजय सिंह पूर्वांचल में स्थित सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम सहित सोनीपत बहालगढ़ के साईं नेशनल सेंटर और अमेरिका के प्रशिक्षण सेंटरों में भी अंतरराष्ट्रीय खिलाडिय़ों की फौज तैयार कर रहे हैं। पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर के ही अमरनाथ यादव ने साउथ अफ्रीका में तथा यशपाल ने सिंगापुर में आयोजित कामनवेल्थ चैंपियनशिप में सिल्वर पदक हासिल किया। वीरेश कुंडू, मनीष, रोहित यादव, आशुतोष तिवारी, सतीश, अमित दोहान और अवधेश आदि खिलाड़ी भारतीय रेलवे और नेशनल स्तर पर अपना दमखम दिखा रहे हैं।

चंद्र विजय सिंह की मौजूदगी में नेशनल ग्रीको रोमन पहलवानों ने विश्व फलक पर शानदार ढंग से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। दर्जनों पहलवान नेशनल, विश्व कुश्ती चैंपियनशिप, एशिया चैंपियननिशप और कामनवेल्थ गेम में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय पहलवान नरङ्क्षसह यादव को भी प्रशिक्षित करने वाले चंद्र विजय कहते हैं, 1952 में व्यक्तिगत स्पर्धा कुश्ती में ही केडी जाधव ने देश को पहला ओलंपिक पदक दिलाया था। भारत के खिलाडिय़ों ने ओलंपिक में देश के लिए कई मेडल जीते हैं। यह निरंतरता आगे भी बनी रहनी चाहिए। यहां जान लें कि डेरवां गोरखपुर निवासी चंद्र विजय सिंह भारतीय रेलवे कुश्ती टीम के कोच के अलावा पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय गोरखपुर में सहायक क्रीड़ा अधिकारी भी है। 1995 से 2000 तक वह लगातार आल इंडिया रेलवे कुश्ती चैंपियन रहे। लक्ष्मण और यशभारती पुरस्कार से सम्मानित चंद्र विजय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ढेरों पुरस्कार और मेडल अपने नाम कर चुके हैं।

पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के महासचिव पंकज कुमार सिंह का कहना है कि ओलंपिक 2021 के लिए एथलीट प्रियंका गोस्वामी ने क्वालीफाई कर पूर्वोत्तर रेलवे के साथ देश का नाम भी रोशन किया है। पूर्वोत्तर रेलवे क्रीड़ा संघ के बहुत से खिलाड़ी अपने शानदार प्रदर्शन से राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश का परचम लहराते रहे हैं। सहायक क्रीड़ा अधिकारी चंद्र विजय ङ्क्षसह भारतीय कुश्ती टीम के कोच भी हैं। उन्होंने पिछले ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

यह भी जानें

23 जून 1894 को पेरिस में हुई थी ओलंपिक खेलों की शुरुआत।

23 जून 1948 को मनाया गया पहला पहला ओलंपिक डे।

23 जून को हर वर्ष मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक डे।

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