विशेष जांच एजेंसी ने की जालसाजों से 14 घंटे तक पूछताछ, लाखों रुपये के सामान बरामद
देवरिया जिले में जालसाजी में पकड़े गए चार दुकानदारों से 14 घंटे तक विशेष जांच एजेंसी की टीम कोतवाली में लगातार पूछताछ करती रही। पूछताछ के दौरान जालसाजों से विशेष जांच एजेंसी को अहम सुराग हाथ लगे हैं।
गोरखपुर, जेएनएन : देवरिया जिले में जालसाजी में पकड़े गए चार दुकानदारों से 14 घंटे तक विशेष जांच एजेंसी की टीम कोतवाली में लगातार पूछताछ करती रही। पूछताछ के दौरान जालसाजों से विशेष जांच एजेंसी को अहम सुराग हाथ लगे हैं। पूछताछ के बाद जिले की साइबर क्राइम सेल की टीम ने छह जगहों पर छापेमारी की और लाखों रुपये नकद, मोबाइल समेत अन्य उपकरण भी बरामद किए। देर रात तक कोतवाली में साइबर क्राइम सेल की टीम जमी हुई थी।
साइबर क्राइम सेल की टीम ने उठाया था चार दुकानदारों को
साइबर क्राइम सेल की टीम ने एक दिन पूर्व कोतवाली पलिस की मदद से शहर के राम गुलाम टोला समेत विभिन्न जगहों से चार मोबाइल दुकानदारों को उठाया। शाम से ही विशेष जांच एजेंसी की टीम के सदस्य लगातार उनसे पूछताछ करते रहे। 14 घंटे तक पूछताछ करने के बाद साइबर क्राइम सेल की टीम ने कई जगहों पर दबिश दी और सामान बरामद किया। विशेष जांच एजेंसी की पूछताछ के दौरान दुकानदारों के इस मौसम में भी पसीना छूटता हुआ नजर आया। कई सवालों के जवाब देने में जालसाज कतराते रहे।
देवरिया से पूरे देश में फैला है पकड़े गए जालसाजों का रैकेट
देवरिया में पकड़े गए चारों जालसाजों का गिरोह पूरे देश में फैला हुआ है। इस गिरोह में सैकड़ों लोग शामिल हैं। गिरोह का सरगना मध्य प्रदेश में बैठा है और वहीं से गिरोह को संचालित कर रहा है। इस मामले में मध्य प्रदेश के बालाघाट में मुकदमा दर्ज है और इस मुकदमे में यहां के भी जालसाज वांछित चल रहे हैं। मोबाइल काल डिटेल के जरिये इनका नाम सामने आया तो विशेष जांच एजेंसी के सदस्यों ने इनपुट देवरिया पुलिस को दी, जिसके बाद जिले की साइबर क्राइम सेल की टीम सक्रिय हुई और कोतवाली पुलिस के मदद से इन्हेंं उठा लिया। पूछताछ में रैकेट के सदस्यों ने बताया है कि गिरोह यूपी के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, दिल्ली, मुंबई समेत देश के विभिन्न प्रदेशों में फैला है। विशेष जांच एजेंसी के साथ ही ईडी भी इस मामले में नजर रख रही है।
ब्लैक मनी को व्हाइट मनी बनाने का काम करते हैं उठाए गए जालसाज
मध्य प्रदेश में बैठा सरगना साइबर अपराध का गिरोह संचालित करता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि एटीएम कार्ड बदलने, लोगों के खाते से रुपये उड़ाने के साथ ही अन्य विधि से यह गिरोह साइबर अपराध करता है। चंद मिनट में यह रुपये लोगों के खाते में दूसरे लोगों के खाते से डाल देता है। इसके बाद यहां बैठे जालसाज उस रुपये मोबाइल व अन्य सामान भी बुक कराते हैं। सामान जब इनको डिलीवरी हो जाती है तो यह उस सामान की बिक्री कर देते हैं। ब्लैक मनी को व्हाइट मनी बनाकर रैकेट में जुड़े सदस्यों तक भेज देते हैं।