Gorakhpur University: अंतराष्ट्रीय शोध प्रस्ताव लाने वाले शिक्षकों को मिलेगा विशेष प्रोत्साहन
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि सभी विभागों को नैक मूल्यांकन और एनआइआरएफ रैंकिंग में सुधार की दिशा में प्रयास करना होगा। निजी कंपनियों के साथ मिलकर भी काम किया जा सकता है।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (दीदउ गोविवि) के लिए राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय शोध प्रस्ताव, ग्रांट, फेलोशिप, सेंटर आफ एक्सीलेंस लाने वाले शिक्षकों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसका मकसद नैक मूल्यांकन और नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआइआरएफ) रैंकिंग में उत्कृष्ट स्थान हासिल करना है। इसके लिए एक तकनीकी सेल का गठन किया जाएगा, जो प्रोजेक्ट लाने वाले शिक्षकों को आवश्यक मदद उपलब्ध कराएगा।
यह बातें कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कही। वह नैक मूल्यांकन और एनआइआरएफ रैंकिंग में सुधार के लिए आयोजित सभी अधिष्ठाताओं और विभागाध्यक्षों की बैठक को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे। बैठक प्रशासनिक भवन के कमेटी हाल में हुई। कुलपति ने कहा कि सभी विभागों को नैक मूल्यांकन और एनआइआरएफ रैंकिंग में सुधार की दिशा में प्रयास करना होगा। निजी कंपनियों के साथ मिलकर भी काम किया जा सकता है। विश्वविद्यालय को नैक की ए प्लस ग्रेडिंग और एनआइआरएफ की टाप 50 रैंकिंग में लाने के लिए जमीनी स्तर पर काम हो रहा है। 60 से अधिक कोर्स डिजाइन किए गए हैं। रिसर्च, फेलोशिप, स्पोट््र्स फेलोशिप, 100 इंटरनेशनल फेलोशिप तथा आनलाइन परीक्षाओं की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं। विवि को वाईफाई की सुविधा से लैस किया जा रहा है। हर विभाग में 25- 25 कंप्यूटर लगाए जा रहे हैं। अर्न बाय लर्न, सेंटर आफ एक्सीलेंस, वर्कशाप व अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने 15 अप्रैल तक पीएचडी, पीजी और यूजी के पाठ्यक्रमों को नैक के मापदंड के अनुसार तैयार करने व हर विभाग को नए प्रोजेक्ट के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया।
हर महीने आयोजित होंगी 100 से अधिक कार्यशालाएं
बैठक में तय हुआ कि नैक मूल्यांकन में कार्यशाला, वेबिनार, व्याख्यान के भी नंबर मिलते हैं। इसलिए अब हर विभाग को एक महीने में चार कार्यशालाएं आयोजित करना होगा। इस प्रकार 29 विभाग चार-चार कार्यशालाओं का आयोजन कर लक्ष्य हासिल करेंगे। इस तरह एक माह में सौ से अधिक कार्यशालाएं आयोजित होंगी।
हर असिस्टेंट प्रोफेसर को एक लाख सीड मनी देने की तैयारी
बैठक में तय हुआ कि विश्वविद्यालय में कार्यरत 153 असिस्टेंट प्रोफेसरों को अ'छे प्रोजेक्ट लाने के लिए एक लाख रुपये की सीड मनी प्रदान की जाएगी। इसके लिए एक समिति का गठन करते हुए उसे सुझाव देने का निर्देश दिया है।