कहीं ये लापरवाही भारी न पड़ जाए, सैंपल लेकर छोड़ दिया जा रहा बाहर से आए लोगों को Gorakhpur News

दिल्ली-मुंबई समेत आठ राज्यों में कोरोना पुन फैल चुका है। पंचायत चुनाव व होली के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में लोग जिले में लौट रहे हैं। जिनकी जांच हो रही है और पाजिटिव आ रहे हैं उन्हें भी छोड़ दिया जा रहा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Tue, 30 Mar 2021 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 30 Mar 2021 06:10 AM (IST)
कहीं ये लापरवाही भारी न पड़ जाए, सैंपल लेकर छोड़ दिया जा रहा बाहर से आए लोगों को Gorakhpur News
रेलवे स्टेशन पर पहुंचे यात्रियों का सेंपल लेते स्वास्थ कर्मी। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : दिल्ली-मुंबई समेत आठ राज्यों में कोरोना पुन: फैल चुका है। पंचायत चुनाव व होली के मद्देनजर दूसरे राज्यों से बड़ी संख्या में लोग जिले में लौट रहे हैं, लेकिन सभी की जांच नहीं हो पा रही है। जिनकी जांच हो रही है और पाजिटिव आ रहे हैं, उन्हें भी छोड़ दिया जा रहा है। उनमें से ज्यादातर लोग जन यातायात (पब्लिक ट्रांसपोर्ट) से घर जा रहे हैं। ऐसे तो जिले में कोरोना बुरी तरह फैल जाएगा और स्थिति को संभालना मुश्किल होगा।

पिछले साल पहला मरीज आने पर कर दिया गया था पूरा गांव सील

पिछले साल जब कोरोना का पहला मरीज आया था तो उसका पूरा गांव सील कर दिया गया था। उसे तत्काल मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया। दूसरे राज्यों या विदेश जो भी आए, उन्हें तत्काल क्वारंटाइन किया गया। पाजिटिव आने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाता था। कांटैक्ट ट्रेसिंग में एक व्यक्ति के पाजिटिव आने पर उसके परिवार के सभी सदस्यों को क्वारंटाइन सेंटर में भर्ती कर दिया जाता था। रिपोर्ट निगेटिव आने पर ही उन्हें घर जाने दिया जाता था। जिला प्रशासन, पुलिस, स्वास्थ्य व अन्य विभागों के लोग सड़क पर उतर गए थे। जगह-जगह चेकपोस्ट बनाए गए थे। बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की स्‍कैनिंग व जांच की जा रही थी। इसके बाद भी कोरोना फैल गया और नियंत्रित करने में लगभग एक साल लगे। इस बार तो आने वालों की बात दूर, पाजिटिव मरीजों को भी छोड़ दिया जा रहा है।

कई जगह बनाए गए हैं जांच बूथ

रेलवे व बस स्टेशन तथा एयरपोर्ट पर जांच बूथ बनाए गए हैं। एयरपोर्ट पर तो सभी की स्‍कैनिंग हो जा रही है, उनके सैंपल लिए जा रहे हैं। रेलवे व बस स्टेशन पर स्थिति उलट है। मुश्किल से 10-15 फीसद यात्रियों की ही जांच हो पा रही है। उन्हें भी सैंपल लेकर छोड़ दिया जा रहा है। पाजिटिव आने पर उन्हें फोन किया जा रहा है। कोई बता रहा है कि वह गांव जाने के लिए बस में बैठ गया है तो कोई कह रहा है कि कचहरी चौराहे पर चाय पी रहा है। इस दौरान वह कई लोगों को संक्रमित कर चुका होगा। इसके बाद भी न तो उसे ढूंढने की कोशिश की जा रही है और न ही अस्पताल या क्वारंटाइन सेंटरों में रखा जा रहा है। दरअसल स्थिति यह है कि केवल बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में 300 बेड कोविड अस्पताल को छोड़कर शेष सभी अस्पताल निष्क्रिय हो चुके हैं। कोई क्वारंटाइन सेंटर नहीं है। लोगों को भगवान भरोसे छोड़ा जा रहा है। ऐसे में शीघ्र ही जिले में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बलवती हो गई है।

विभाग लगा हुआ है कोरोना की रोकथाम में

गोरखपुर के सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि सभी यात्रियों की जांच नहीं हो पा रही है। ट्रेन व बस से उतरकर वे निकल जा रहे हैं। आरपीएफ व पुलिस की मदद से जो लोग बूथों पर आ रहे हैं, उन्हीं की जांच की जा रही है। वहां कोई ट्रायज एरिया नहीं है, जहां नमूने लेने के बाद लोगों को बैठाया जाए। नमूने देने के बाद लोग चले जा रहे हैं, लेकिन फोन कर सभी को आवश्यक एहतियात बताए जा रहे हैं। लोगों की कांटैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। कोरोना की रोकथाम में विभाग लगा हुआ है।

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