चारा व इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे पशु

देवरिया के बनकटा ब्लाक के परसिया छितनी सिंह में चारे का इंतजाम नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 07:00 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 07:00 AM (IST)
चारा व इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे पशु
चारा व इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे पशु

देवरिया, जेएनएन। जिले में संचालित कई गो आश्रय केंद्रों का बुरा हाल है। कहीं जिम्मेदारों की लापरवाही से गोवंशीय बेहसारा पशुओं को चारे का इंतजाम नहीं हो रहा है तो कहीं इलाज के अभाव में पशु दम तोड़ रहे हैं।

बनकटा ब्लाक के परसिया छितनी सिंह का गो आश्रय केंद्र असुविधाओं की मार झेल रहा है। पशुओं के लिए चारे की समुचित व्यवस्था नहीं है। रात में यहां कोई नहीं रुकता। लोगों के मुताबिक, सफाईकर्मी दिन में आश्रयस्थल से बाहर पशुओं को ले जाकर चराते हैं। बीडीओ ज्ञान प्रकाश ने बताया कि इस समय 18 पशु हैं। चारा व भूसा उपलब्ध है। पशुओं के स्वास्थ्य के लिए बाहर घुमाया जाता है।

भागलपुर ब्लाक के नरियांव स्थित पशु आश्रय केंद्र दु‌र्व्यवस्था का शिकार है। यहां महज 18 पशु हैं, जिसमें कई बीमार हैं। मंगलवार को गलाघोंटू से दो पशुओं की मौत हो गई। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पशुओं के इलाज की व्यवस्था समय से हो गई होती तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी। यही हाल सलेमपुर पशु आश्रय केंद्र की है। यहां भी अब तक कई पशु मर चुके हैं। पिछले दिनों मुख्य राजस्व अधिकारी व उप जिलाधिकारी की जांच के बाद व्यवस्था में सुधार हुआ है। कुंडौली का पशु आश्रय केंद्र बदहाल है। आश्रय केंद्र को जलभराव से मुक्ति नहीं मिल सकी है। पिछले वर्ष यहां के पशुओं को नरियांव और इस वर्ष नवलपुर भेजा गया था। सलेमपुर के पड़री बाजार, घुसरी मिश्र, दुबौली, धोबी, डेहरी, महुई पांडेय, कम्हरिया, जमुआ, जमुई आदि गांवों में बेसहारा पशुओं की तादाद बढ़ गई है। फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा.विकास साठे ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आश्रय केंद्रों की देखभाल जिला पंचायत के जिम्मे है। यदि पशु बीमार हैं तो इसकी जानकारी देनी चाहिए।

अबतक 1.10 करोड़ रुपये हो चुका खर्च

विभागीय लोगों का कहना है कि जिले में 18 गो आश्रय स्थल संचालित हैं, जिसमें 1278 गोवंशीय पशु वर्तमान में मौजूद हैं। इन पशुओं की देखभाल व चारे पर अबतक 1.10 करोड़ रुपये खर्च हो चुका है।

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