पंचायत चुनाव में आरक्षण सूची को लेकर लोगों ने आबादी व चक्रानुक्रम पर उठाए सवाल
संतकबीर नगर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी होने के बाद लोगो ने आबादी व चक्रानुक्रम पर सवाल उठाए। दो दिन में 26 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई और नियमानुसार आरक्षण सूची जारी करने की मांग की।
संतकबीर नगर: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी होने के बाद लोगो ने आबादी व चक्रानुक्रम पर सवाल उठाए। दो दिन में 26 लोगों ने आपत्तियां दर्ज कराई और नियमानुसार आरक्षण सूची जारी करने की मांग की।
जनपद में दो मार्च को जारी हुई जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख, प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य के प्रस्तावित आरक्षण आवंटन की सूची को लेकर आपत्तियां मिलनी शुरू हो गईं हैं। ज्यादातर आपत्तियां प्रधान पद के लिए किए गए ग्राम पंचायतों के आरक्षण आवंटन को लेकर आ रहीं हैं। गुरुवार तक आरक्षण आवंटन के संबंध में 26 आपत्तियां प्राप्त हुईं। किसी ने आबादी तो किसी ने चक्रानुक्रम आरक्षण के प्राविधानों पर सवाल खड़े किए। जानिए, किसने-किस बिदु पर जताई है आपत्ति..
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लोकतंत्र की रक्षा के लिए बदला जाए आरक्षण
खलीलाबाद ब्लाक के ग्राम पंचायत उमरीखुर्द निवासी उदयराज ने कहा कि उनकी ग्राम पंचायत वर्ष 1995 में सामान्य महिला, 2000 में अनारक्षित, 2005 में पिछड़ी महिला, 2010 में पिछड़ी जाति, 2015 में पिछड़ी महिला तथा इस बार यानी 2021 में महिला के लिए हो गई है। नियमानुसार इस बार यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित करना चाहिए था। गांव में अनुसूचित जाति की आबादी लगभग 35 फीसद है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए उनके यहां की प्रधान पद की सीट अनुसूचित जाति के लिए करें।
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आबादी को आधार मान पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित हो सीट
मेंहदावल ब्लाक के ग्राम पंचायत भरवलिया चौबे के दिलीप शर्मा का कहना है कि मतदाता सूची में सामान्य जाति के 33 फीसद, पिछड़ी जाति के 51 फीसद तथा अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 15 फीसद हैं। वर्ष 2015 में प्रधान पद अनारक्षित था। इस बार इसे फिर अनारक्षित कर दिया गया है। यह गलत है। आबादी के अनुसार इसे पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित किया जाए।
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आरक्षण के नियमों का किया गया उल्लंघन
सांथा ब्लाक के ग्राम पंचायत परसिया के ओम प्रकाश का कहना है कि मतदाता सूची में उनके यहां पिछड़ी जाति के 65 फीसद, सामान्य जाति के 21 फीसद तथा अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या 14 फीसद है। आरक्षण के नियमों का उल्लंघन करते हुए इसे अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया है। नियमानुसार इसे पिछड़ी अथवा अनारक्षित के लिए यह सीट आरक्षित होनी चाहिए।
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