बाघों को लुभा रही सोहगीबरवा की आबोहवा, टाइगर बफर जोन बनाने के प्रयास शुरू
जंगल में लगाए गए ट्रैप कैमरे में दो बाघों समेत तीन शावकों व गैंडे की तस्वीर कैद हुई है। बाघों का यह जोड़ा लंबे समय तक महराजगंज सीमा क्षेत्र में रहा। गैंडों को तो नेपाल के वनकर्मी पकड़कर नारायणी नदी के रास्ते नाव पर लादकर अपने देश ले गए। बड़ी संख्या में बाघों की आमद को देखते हुए वन विभाग ने इस पूरे क्षेत्र को टाइगर रिजर्व फारेस्ट व बफरजोन बनाने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अभिकरण में प्रस्ताव भी भेजा है।
महराजगंज : सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग की आबोहवा बाघों को भा गई है। बिहार के वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व (वीटीआर) व नेपाल के रायल चितवन नेशनल पार्क से बाघ सोहगीबरवा के शिवपुर व निचलौल रेंज के डोमा व कलनही बीट में चहलकदमी कर रहे हैं। नेपाल, बिहार व महराजगंज के वन क्षेत्रों के आपस में जुड़े होने से वन्यजीवों के आवागमन की राह सुगम है। बेंत की बहुलता वाले इस जंगल की कंटीली झाड़ियां व नारायणी नदी का दलदली भूभाग इनको लुभा रहा है।
जंगल में लगाए गए ट्रैप कैमरे में दो बाघों समेत तीन शावकों व गैंडे की तस्वीर कैद हुई है। बाघों का यह जोड़ा लंबे समय तक महराजगंज सीमा क्षेत्र में रहा। गैंडों को तो नेपाल के वनकर्मी पकड़कर नारायणी नदी के रास्ते नाव पर लादकर अपने देश ले गए। बड़ी संख्या में बाघों की आमद को देखते हुए वन विभाग ने इस पूरे क्षेत्र को टाइगर रिजर्व फारेस्ट व बफरजोन बनाने के लिए राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अभिकरण में प्रस्ताव भी भेजा है। हालांकि इस प्रस्ताव को अभी मंजूरी नहीं मिल सकी है।
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के डीएफओ, पुष्प कुमार के. ने बताया कि बिहार व नेपाल के वन क्षेत्र से जुड़ने के कारण बाघ सहित वहां के अन्य वन्यजीव सोहगीबरवा वन क्षेत्र में आते रहते हैं। वन्यजीवों को यहां सुरक्षा व अनुकूल माहौल मिले, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती जाती है। सीमावर्ती क्षेत्र में वनकर्मियों को निरंतर गश्त के निर्देश दिए गए हैं। नेपाल में 235 तो वीटीआर में 50 है बाघों की संख्या
सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग से सटे नेपाल व बिहार के वन क्षेत्र में बाघों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। नेपाल के विभिन्न वन क्षेत्रों में इस समय 235 बाघ मौजूद हैं। चितवन नेशनल पार्क में 93, बर्दिया नेशनल पार्क में 87, बांके नेशनल पार्क में 21, परसा पार्क में 18 व शुक्लफांट पार्क में 16 बाघ मौजूद हैं। इसी तरह वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व फारेस्ट में वयस्क बाघों की संख्या 40, जबकि शावकों की संख्या 10 है। मधवलिया जंगल में मृत मिली थी बाघिन
अप्रैल 2018 में सोहगीबरवा क्षेत्र के मधवलिया रेंज के दहला पोखरे के पास एक बाघिन मृत अवस्था में वनकर्मियों को मिली थी। जब पोस्टमार्टम कराया गया तो भूख के चलते उसकी मौत की बात सामने आई। पशु चिकित्सकों के मुताबिक आयु अधिक होने के चलते बाघिन शिकार नहीं कर पा रही थी, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। उस समय तत्कालीन डीएफओ मनीष सिंह ने इसकी रिपोर्ट राष्ट्रीय बाघ संरक्षण अभिकरण को भेजी थी।