वन्यजीवों को भाया सोहगीबरवा जंगल, बढ़ रहा कुनबा

ईको टूरिज्म का केंद्र बना सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग

By JagranEdited By: Publish:Wed, 03 Mar 2021 06:30 AM (IST) Updated:Wed, 03 Mar 2021 06:30 AM (IST)
वन्यजीवों को भाया सोहगीबरवा जंगल, बढ़ रहा कुनबा
वन्यजीवों को भाया सोहगीबरवा जंगल, बढ़ रहा कुनबा

महराजगंज: महराजगंज में वन्यजीवों की तादाद बढ़ रही है। तेंदुआ, हिरण सहित अन्य वन्यजीवों की संख्या में बीते वर्षों में तेजी से इजाफा हुआ है। वर्तमान में 29313 वन्यजीव सोहगीबरवा जंगल में विचरण कर रहें हैं। तीन वर्ष पूर्व तेंदुओं की संख्या महज 30 थी। आज बढ़कर 45 पहुंच चुकी है। हिरण की संख्या भी बढ़कर 2344 हो गई है।

42820 हेक्टेयर में फैला यह वन्य क्षेत्र अब पड़ोसी देश नेपाल के चितवन नेशनल पार्क के गैंडों व बिहार के बाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के बाघों को भी लुभा रहा है। बाघ और गैंडे लंबे समय तक सोहगीबरवा में स्थित बेंत की झाड़ियों में प्रवास कर रहे हैं। प्रवासी वन्यजीवों के सोहगीबरवा जंगल में आने से उत्साहित वन विभाग अब ट्रैपिग कैमरों के माध्यम से इनकी निगरानी कर रहा है। यह जंगल अब ईको टूरिज्म (पर्यावरण के साथ पर्यटन ) का प्रमुख केंद्र बनकर उभर रहा है।

कुकरैल स्थित घड़ियाल प्रजनन केंद्र से लाकर नारायणी नदी में छोड़े गए 55 घड़ियालों को यहां की आबोहवा भा गई है। बीते 20 सितंबर 2019 व अक्टूबर 2018 में क्रमश: 40 व 18 घड़ियाल वन विभाग व टीएसए ( टर्टल सरवाइवल एलियांस ) की निगरानी में छोड़े गए थे। घड़ियालों के प्रजनन व सवंर्धन के लिए समृद्ध मानी जाने वाली नारायणी नदी इनके लिए अनुकूल साबित हो रही है। वर्तमान में इनकी संख्या 100 हो गई है। मरगमच्छों को भाया दर्जिनिया ताल:

सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग के दर्जिनिया ताल को मगरमच्छों का घर कहा जाता है। यहां मगरमच्छों के कुनबे को दिनोंदिन विस्तार मिल रहा है। वर्ष 2019 हुई वन्यजीवों की गणना में यहां मगरमच्छों की संख्या 260 थी। अब बढ़ते-बढ़ते 450 हो गई है। वन्यजीवों की संख्या

तेंदुआ-45

खरगोश--569

सूस---5

भेड़िया--17

मगर--104

नेवला---160

मोर----1080

जंगली बिल्ली--81

लोमड़ी--407

वन गाय--595

बिज्जू---416

गोह--80

पाड़ा---218

सुअर--3667

बंदर--7541

लंगूर---4800

सियार--1241

गुलदार--66

चीतल--1903

सांभर---441

काकड़---411

नील गाय---4731 योग: 29313 सोहगीबरवा जंगल का पर्यावरण वन्यजीवों के लिए अनुकूल साबित हो रहा है। इस जंगल में बिहार व नेपाल के जंगल से भी वन्यजीव विचरण करते हुए आते हैं। वन विभाग की तरफ से उनकी सुरक्षा व बेहतर माहौल उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास हो रहा है।

पुष्प कुमार के, डीएफओ , सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग , महराजगंज

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