नेपाली शराब की बरामदगी बता रही तस्करी की दास्तां

निचलौल व नौतनवा तहसील में छह महीने में बरामद हो चुकी 400 लीटर नेपाली शराब

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 10:26 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 06:00 AM (IST)
नेपाली शराब की बरामदगी बता रही तस्करी की दास्तां
नेपाली शराब की बरामदगी बता रही तस्करी की दास्तां

महराजगंज,जेएनएन: जिले से लगी भारत-नेपाल की 65 किमी की खुली सीमा कोरोना संक्रमण को देखते हुए 24 मार्च से ही सील है। लेकिन नेपाली शराब की तस्करी का सिलसिला बार्डर पर जारी है। पिछले छह महीने में सीमा से सटे निचलौल व नौतनवा तहसील क्षेत्र में 400 लीटर नेपाली शराब बरामद की गई है। इसका इतने मात्रा में मिलना सीमा सुरक्षा, नागरिक पुलिस की सतर्कता एवं अन्य सुरक्षा एजेंसियों के दावे को फेल करने के लिए काफी है। भारतीय सीमा क्षेत्र में बरामद हो रही नेपाली शराब बार्डर पर तस्करी की दास्तां बताने के लिए काफी है।

नेपाल की सीमा सील होने से आवागमन पूरी तरह से ठप है। लेकिन सीमा पार से नेपाली शराब जिले में कैसे पहुंच रही? इसका जवाब किसी के पास नहीं। निचलौल के नारायणी नदी के किनारों से होकर सौनौली सीमा तक विभिन्न मार्गों से भारतीय सीमा क्षेत्र में शराब की तस्करी जारी है। भारतीय शराब से तीन गुना सस्ती है नेपाली शराब

: नेपाल में 200 एमएल में मिलने वाली नेपाली शराब भारत के देशी शराब से काफी सस्ती है। भारत में 200 एमएल की जो शीशी 50 से 65 रुपये में मिलती है, इसी मात्रा में नेपाल में मिलने वाली शीशी का दाम भारतीय रुपये में महज 15 से 18 रुपये है। बिक्री के लिए घरों में स्टोर करते है नेपाली शराब

: नेपाली शराब की तस्करी में जुटे तस्कर सीमाई इलाकों के गांवों में स्थित घरों को अपना स्टोर बनाया है। जहां पर शराब की बोतलों को घरों में स्टोर किया जाता है और वहां लोगों को बिक्री के लिए दिया जाता है। कई जगहों पर तो महिलाएं नेपाली शराब को बेच रहीं है। ठूठीबारी, लक्ष्मीपुर खुर्द, निचलौल, बरगदवा बा•ार, परसामलिक थानाक्षेत्र

के दर्जनों गांवों किशुनपुर, रामनगर, बकुलडिहा, बोदना, बढ़या, जमुहानी, असुरैना, परसामलिक, गंगवलिया,निपनिया, भगवानपुर व सिरसिया मस्की में बेधड़क इसकी बिक्री व तस्करी का खेल चल रहा है। सीमा क्षेत्रों में तस्करी पर प्रभावी रोक लगाने के लिए सीमावर्ती थानेदारों को निर्देशित किया गया है। जहां तक गांवों में नेपाली शराब बिकने का मामला है, तो संबंधित थानेदार समेत बीट के सिपाहियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई की जाएगी।

प्रदीप गुप्ता, पुलिस अधीक्षक महराजगंज

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