तस्करों ने बदला मार्ग, नारायणी नदी के रास्ते हो रही वन संपदा की तस्करी Gorakhpur News
निचलौल तहसील क्षेत्र में भारत-नेपाल का सीमा आपस में मिलने के कारण सीमा पर सक्रिय तस्कर दोनों देशों में आए दिन सामानों की तस्करी करते रहते हैं लेकिन लाकडाउन में सीमा बंद होने के कारण सख्ती बढ़ने पर तस्करों ने रास्ता बदल लिया है।
प्रदीप कुमार गौड़, गोरखपुर : महराजगंज जनपद के निचलौल तहसील क्षेत्र में भारत-नेपाल का सीमा आपस में मिलने के कारण सीमा पर सक्रिय तस्कर दोनों देशों में आए दिन सामानों की तस्करी करते रहते हैं, लेकिन लाकडाउन में सीमा बंद होने के कारण सख्ती बढ़ने पर तस्करों ने रास्ता बदल लिया है। अब तस्करों के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता नारायणी नदी हो गई है। बीते 23 मार्च से कोरोना के कारण भारत नेपाल सीमा सील होने और दोनों देशों के सुरक्षा बलों की सख्ती के कारण तस्कर अब भारत के जंगलों से काटे गए कीमती लकड़ी, बेंत व अन्य वन संपदा को नाव से नेपाल के रास्ते नवल परासी जिले के सीमाई इलाकों में आसानी से पहुंचा दे रहें हैं। इसके साथ ही भारी मात्रा में मटर व मसाला की तस्करी कर भारत भेजने व भारत से कपड़ा, प्याज व अन्य खाद्य पदार्थ नेपाल भेजने में जुटे तस्करों ने सड़क मार्ग से तस्करी करना कम कर दिया है। तस्कर तराई की जीवनदायिनी कही जाने वाली नारायणी नदी को तस्करी का मार्ग बनाकर धड़ल्ले से तस्करी में जुटे हुए हैं।
बेंत की बरामदगी बता रही तस्करी की कहानी
भारत के सीमावर्ती जंगलों से कीमती लकड़ियों व अन्य वन संपदा को काटकर नाव द्वारा नेपाल ले जाने की बात नई नहीं है। इसके पहले भी तस्करी के मामले सामने आते रहे हैं। इसी दौरान सोहगीबरवा वन्य जीव प्रभाग के निचलौल रेंज वन क्षेत्र स्थित नारायणी से एसएसबी जवानों और वनकर्मियों ने संयुक्त रूप से सुबह आठ बजे नाव सहित 129 बंडल अवैध बेंत बरामद की है, जबकि जवानों और वनकर्मियों से अपने आप को घिरता देख नाव पर सवार तस्कर नदी में छलांग लगाते हुए मौके से फरार हो गए।
सीमित संसाधनों में नही हो पाती निगरानी
नेपाल सीमा से सटे व नारायणी नदी किनारे फैले निचलौल रेंज के जंगलों से तस्करी की बात नई नहीं है। इसके पहले भी नदी रास्ते नाव से तस्करी की बात सामने आती रही है।
पहले हो चुकी है अन्य सामानों की बरामदगी
नारायणी नदी के रास्ते तस्करी तो चलता रहता है लेकिन बरामदगी नहीं हो पाती है। वर्ष 2018 में निचलौल पुलिस ने बड़ी बरामदगी करते हुए एक नाव से 120 बोरी काली मिर्च कुशीनगर के मदनपुर गांव के समीप छितौनी बांध के पास से बरामद किया था, जिसमें 60 क्विंटल काली मिर्च का आंकलन किया गया था, जिसकी कीमत 50 लाख रुपये बताई गई थी। पुलिस के पीछा करने पर तस्कर नाव छोड़ नदी में कूदकर भाग निकले थे।