चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में गई व्यापारी की जान, दिल्ली में रहता है परिवार
वह गोरखपुर से दिल्ली जाने वाला था। तभी ट्रेन खुल गई। व्यापारी ने चलती ट्रेन को पकड़ने की कोशिश की। ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई।
गोरखपुर, जेएनएन। चलती ट्रेन में चढ़ना सिर्फ और सिर्फ खतरा है। इसीलिए कहा भी गया है कि दुर्घटना से देर भली। मतलब हड़बड़ी में किया गया कोई कार्य ठीक नहीं होता है। वह भी चलती ट्रेन में चढ़ना तो सिर्फ खतरा ही है। यही हाल एक व्यापारी के साथ हो गया। उनका अच्छा खासा व्यापार चल रहा था। पर चलती गाड़ी में उन्होंने चढ़ने की कोशिश की और जान गवां बैठे। गोरखधाम एक्सप्रेस से उन्हें दिल्ली जाना था।
स्टेशन पर पहुंचते ही ट्रेन छूट गई। दौड़कर पकड़ने की कोशिश में पैर फिसल जाने से व्यापारी ट्रेन के नीचे आ गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे के कारण ट्रेन 30 मिनट की देरी से रवाना हुई। बांसगांव कस्बे में बड़े शिवमंदिर के पास रहने वाले राजेन्द्र परिवार के साथ दिल्ली में रहकर व्यवसाय करते हैं। घर बनवाने के लिए कुछ दिन पहले वह गांव आए थे। शुक्रवार को दिल्ली जाने के लिए उन्होंने गोरखधाम एक्सप्रेस का टिकट लिया था। एस-5 कोच में 64 नम्बर सीट उनके नाम से रिजर्व थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रेन प्लेटफार्म नंबर दो से अपने निर्धारित समय शाम 4.35 बजे रवाना हुई।
इसी बीच राजेंद्र स्टेशन पहुंचे। चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में उनका पैर फिसल गया और ट्रेन की चपेट में आ गए। यात्रियों के सूचना देने पर गार्ड ने ट्रेन रुकवाई। जीआरपी ने कुलियों की मदद से व्यापारी को बाहर निकाला। अस्तपाल ले जाने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोग भी इस घटना से हतप्रभ हैं। उनका कहना है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।
स्टेशन पर पहुंचते ही ट्रेन छूट गई। दौड़कर पकड़ने की कोशिश में पैर फिसल जाने से व्यापारी ट्रेन के नीचे आ गए। घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई। हादसे के कारण ट्रेन 30 मिनट की देरी से रवाना हुई। बांसगांव कस्बे में बड़े शिवमंदिर के पास रहने वाले राजेन्द्र परिवार के साथ दिल्ली में रहकर व्यवसाय करते हैं। घर बनवाने के लिए कुछ दिन पहले वह गांव आए थे। शुक्रवार को दिल्ली जाने के लिए उन्होंने गोरखधाम एक्सप्रेस का टिकट लिया था। एस-5 कोच में 64 नम्बर सीट उनके नाम से रिजर्व थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रेन प्लेटफार्म नंबर दो से अपने निर्धारित समय शाम 4.35 बजे रवाना हुई।
इसी बीच राजेंद्र स्टेशन पहुंचे। चलती ट्रेन में चढ़ने की कोशिश में उनका पैर फिसल गया और ट्रेन की चपेट में आ गए। यात्रियों के सूचना देने पर गार्ड ने ट्रेन रुकवाई। जीआरपी ने कुलियों की मदद से व्यापारी को बाहर निकाला। अस्तपाल ले जाने पर डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। परिवार के लोग भी इस घटना से हतप्रभ हैं। उनका कहना है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।