Manish Gupta Murder Case: विवेचना को मजबूत बनाने के लिए विधिक सलाह लेगी एसआइटी
मनीष हत्याकांड के आरोपितों के खिलाफ चल रही जांच और विवेचना में कोई कमी न जाए इसको लेकर एसआइटी पूरी तरह से सतर्क है। पुलिस कमिश्नर कानपुर असीम अरुण के आग्रह पर शासन ने गोरखपुर में तैनात एसपीओ अशोक वर्मा को टीम के साथ संबद्ध किया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Manish Gupta Murder Case: मनीष हत्याकांड के आरोपितों के खिलाफ चल रही जांच और विवेचना में कोई कमी न जाए इसको लेकर एसआइटी पूरी तरह से सतर्क है। पुलिस कमिश्नर कानपुर असीम अरुण के आग्रह पर शासन ने गोरखपुर में तैनात एसपीओ (ज्येष्ठ अभियोजन अधिकारी) अशोक वर्मा को टीम के साथ संबद्ध किया है।
पुलिसकर्मियो के बाद सह अभियुक्तो पर शिकंजा कसने की चल रही तैयारी
हत्यारोपित इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत यादव की गिरफ्तारी के बाद एसआइटी कानपुर सह अभियुक्तों की भूमिका तय करने में जुटी है।इसके लिए विवेचक व टीम के सदस्य मोबाइल काल डिटेल, सीसीटीवी फुटेज व फोरेंसिक टीम की जांच में मिले साक्ष्य की पड़ताल कर रहे हैं। ताकि घटना के तार को क्रम तरीके से जोड़ा जा सके। विवेचना में कानूनी रुप से कोई चूक न हो इससे बचने के लिए एसपीओ की मदद ली जाएगी। एसआइटी के प्रभारी अपर पुलिस आयुक्त कानपुर आनंद प्रकाश तिवारी, विवेचक डीसीपी बृजेश श्रीवास्तव अभी कानपुर में ही हैं।लौटने के बाद एसपीओ से कानूनी राय लेकर विवेचना को आगे बढ़ाएंगे।
21 लोगों को एसआइटी ने बनाया है गवाह
मनीष गुप्ता हत्याकांड में एसआइटी कानपुर ने 21 गवाह तैयार किए हैं। जिसमें मनीष के दोस्त हरवीर, प्रदीप, चंदन के अलावा होटल कृष्णा पैलेस के कर्मचारी, रामगढ़ताल थाने के पुलिसकर्मी और मेडिकल कालेज के कर्मचारी भी शामिल हैं।
दो अक्टूबर से मामले की जांच कर रही है एसआइटी
मनीष की पत्नी मीनाक्षी की मांग पर शासन ने एक अक्टूबर को मुकदमे की जांच कानपुर पुलिस को सौंपी थी।पुलिस आयुक्त कानपुर असीम अरुण ने आदेश मिलते ही अपर पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में एसआइटी का गठन कर दिया।दो अक्टूबर को फोरेंसिक टीम के साथ एसआइटी गोरखपुर पहुंच गई।14 अक्टूबर को एसआइटी प्रभारी व विवेचक कानपुर लौट गए। लेकिन पांच इंस्पेक्टर व दारोगा गोरखपुर में रहकर जांच कर रहे हैं।