जल संरक्षण की अलख जगा रहीं सिरजावती, गर्मी में पशु-पक्षी तालाब में आकर बुझाते हैं प्यास Gorakhpur News

भूगर्भ जल के दोहन को रोकना होगा। इसकी बर्बादी से जल संकट गहरा रहा है। हम और आप अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाले समय में जल संकट और गहरा जाएगा। कुछ लोग जल संरक्षण के प्रति जागरूक हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 01:45 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 01:45 PM (IST)
जल संरक्षण की अलख जगा रहीं सिरजावती, गर्मी में पशु-पक्षी तालाब में आकर बुझाते हैं प्यास Gorakhpur News
तालाब में मछलियों को दाना डालतीं सिरजावती। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन : भूगर्भ जल के दोहन को रोकना होगा। इसकी बर्बादी से जल संकट गहरा रहा है। हम और आप अभी सचेत नहीं हुए तो आने वाले समय में जल संकट और गहरा जाएगा। कुछ लोग जल संरक्षण के प्रति जागरूक हैं, जिनके प्रयास से बारिश की बूंदों का जतन किया जा रहा है। ऐसे ही जलप्रहरी के रूप में महराजगंज जिले के परतावल विकास खंड के भैंसा निवासी सिरजावती ने अपनी पहचान बनाई है । भूगर्भ जल स्तर को बनाए रखने के लिए बारिश की बूंदों को सहेजने के लिए उन्‍होंने ग्राम पंचायत  की पहल पर 80 डिस्मिल का तालाब पट्टे पर लिया। वर्तमान में इस भीषण गर्मी में अप्रैल और मई में भी तालाब में पानी लबालब भरा रहता है। पानी कम होने पर पंपिंग सेट से पानी भरा जाता हैं।

पशु-पक्षी बुझाते हैं प्यास

पानी से भरे लबालब तालाब में पशु-पक्षी आकर अपनी प्यास बुझाते हैं। लोग अपने पशुओं को भी नहलाने लाते हैं।

करती हैं मछली पालन

सिरजावती इस तालाब में मछली पालन करती हैं, जिससे मछली बेचकर आर्थिक स्थिति मजबूत कर परिवार का भरण-पोषण भी करती हैं। मछली तैयार होने पर धर्मपुर, झुंगवा,रूद्रापुर के व्यापारी तालाब से मछली खरीद कर ले जाते हैं।

मिठौरा में शुरू हुई पानी का जलापूर्ति

मिठौरा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम पंचायत मिठौरा सहित पांच ग्रामों में एक सप्ताह से जल निगम की लापरवाही से ठप जलापूर्ति बहाल हो गई है। जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद खराब मोटर को सही करा दिया गया। पानी की सप्लाई शुरु होने से उपभोक्ताओं ने जागरण को धन्यवाद कहा। जल निगम द्वारा मिठौरा सहित शिकारगढ़, जगदौर, भागाटार, हड़तोड़वा, अमतहां में लोगों के घरों में पानी की सप्लाई दी गई है। जो मोटर जलने के कारण एक सप्ताह से बंद हो गया था। अवर अभियंता जल निगम कुलदीप मिश्रा ने बताया कि मोटर बनने मे समय लगता है, जिसके चलते करीब पांच दिन पानी की आपूर्ति बाधित रहा।

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