10 दिन बाद भी अधिकतर केंद्रों पर सन्नाटा, कैसे हो गेहूं खरीद Gorakhpur News
सरकारी गेहूं खरीदारी का बुरा हाल है। हालत यह है कि खरीद शुरू हुए 10 दिन का समय बीत चुका है लेकिन सिद्धार्थनगर जिले में शाहपुर केंद्र को छोड़कर अन्य किसी भी केंद्र पर छटाक भर भी खरीदारी नहीं हुई।
नीलोत्पल दुबे, गोरखपुर : सरकारी गेहूं खरीदारी का बुरा हाल है। हालत यह है कि खरीद शुरू हुए 10 दिन का समय बीत चुका है, लेकिन सिद्धार्थनगर जिले में शाहपुर केंद्र को छोड़कर अन्य किसी भी केंद्र पर छटाक भर भी खरीदारी नहीं हुई। शाहपुर में भी जल्द ही खरीद का शुभारंभ हुआ। सिर्फ एक किसान धनोहरी निवासी जगई से ही खरीद हुई है। डुमरियागंज के अन्य 23 केंद्रों पर सन्नाटा है। बिचौलिये अनाज खरीद में व्यस्त हैं। किसान अपनी उपज बिचौलिये को बेचने को मजबूर
किसानों को उनकी उपज का समुचित मूल्य दिलाने के लिए सरकार कटिबद्ध है, लेकिन डुमरियागंज तहसील में सरकारी बिक्री के लिए इतने नियम कायदे तय हैं कि किसान इनसे निजात पाने के लिए कम रेट पर बिचौलियों को उपज बेंचने पर मजबूर हैं। सबसे बड़ी समस्या खतौनी सत्यापन की है। अगर किसी का संयुक्त खाता है और उसके चार वारिस हैं तो बिक्री के लिए सभी को आनलाइन आवेदन करना होगा। पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। इस बार प्रशासन के इस पेंच से किसानों में निराशा है। कठौतिया के अनिल श्रीवास्तव के चार बेटे हैं। खाता संयुक्त है, लेकिन बिक्री के लिए इस बार सभी को आनलाइन आवेदन करना पड़ा। इस समस्या से धनोहरी के हरिराम, मन्नीजोत के नसीबुल्लाह, कोदई और बैनिया के दशरथ चौधरी के वारिस भी जूझ रहे हैं।
खतौनी सत्यापन की व्यवस्था भी लचर
खतौनी सत्यापन की व्यवस्था भी यहां बड़ी लचर है। लेखपाल की रिपोर्ट पर अब तक सिर्फ 200 किसानों के खतौनी का आनलाइन सत्यापन ही विभाग कर सका है। बिना खतौनी सत्यापन के गेहूं बिक्री कर पाना टेढ़ी खीर बनी हुई है। किसान इस झमेले से बचने के लिए आढ़तियों के शरण में जाने को मजबूर हैं क्योंकि उनके पास अनाज को स्टोर करने की व्यवस्था सीमित है। आनलाइन पंजीयन कराने में भी किसानों के पसीने छूट रहे हैं, क्योंकि जन सेवा केंद्र संचालक अक्सर सर्वर की गड़बड़ी बताकर किसानों को टरकाने का काम कर रहे हैं। सरकारी बिक्री को बढ़ावा देने के लिए किसान कल्याण समिति जरूर बनी है, लेकिन यह सिर्फ कागजों में काम कर रही है। भानपुररानी को छोड़ दें तो किसी समिति ने आनलाइन पंजीयन के लिए न तो गांव में कैंप लगवाए न ही किसानों को सरकारी बिक्री के लिए जागरूक करने की जहमत उठाई। महुआरा क्रय केंद्र का लक्ष्य चार हजार क्विंटल है। यहां सिर्फ चार किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन खरीद किसी से नहीं हुई। वासा चक समिति के सचिव को डीएम खुद फटकार चुके हैं, लेकिन यहां का खाता अब तक नहीं खुला। ऐसी ही स्थिति अन्य केंद्रों की भी है। यहां न तो खरीद हो रही है और न ही छाया, पानी का उचित प्रबंध है।
यहां बने हैं क्रय केंद्र
महुआरा, डुमरियागंज, मानिकगंज, विजवार बढई, बनगवां पड़ाइन, वासाचक, डुमरियागंज द्वितीय, बढऩीचाफा, भारतभारी, दलपतपुर, देवीपुर, गोङ्क्षवदपुर, गौरा बड़हरी, रोहांव बुजुर्ग, कमसार, जिगिना हबीबपुर, पिपरा गोसाईं, पिपरा पांडेय, बुढ़ऊ, निजामाबाद, जूड़ीकुइयां, मधुकरपुर, इजरहवा, रमवापुर जगतराम।
200 किसानों की खतौनी का हुआ आनलाइन सत्यापन
डुमरियागंज के एसडीएम त्रिभुवन ने कहा कि सरकारी खरीद को बढ़ाने के निरंतर प्रयास हो रहे हैं। 200 किसानों की खतौनी का आनलाइन सत्यापन हो गया है। 400 किसानों के आनलाइन सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है: सभी केंद्र पर नोडल अधिकारी तैनात हैं। बीडीओ को हर केंद्र के वीडियोग्राफी के निर्देश भी दिए गए हैं। सभी कार्य नियम अनुरूप हो रहे हैं।