शारदीय नवरात्र : कन्या पूजन व हवन से भक्तिमय हुआ माहौल, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन कन्या पूजन व हवन से माहौल भक्तिमय हो गया है। मंदिरों व घरों में नवरात्र व्रत रहे श्रद्धालुओं ने मां की पूजा-अर्चना के बाद कन्याओं को भोजन कराया। दक्षिणा व वस्त्र समर्पित कर उनका आशीर्वाद लिया।

By Navneet Prakash TripathiEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 04:50 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 04:50 PM (IST)
शारदीय नवरात्र : कन्या पूजन व हवन से भक्तिमय हुआ माहौल, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु
अघोर पीठ पर कन्या पूजन करते अवधूत छबिलेराम। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शारदीय नवरात्र के अंतिम दिन कन्या पूजन व हवन से माहौल भक्तिमय हो गया है। मंदिरों व घरों में नवरात्र व्रत रहे श्रद्धालुओं ने मां की पूजा-अर्चना के बाद कन्याओं को भोजन कराया। दक्षिणा व वस्त्र समर्पित कर उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद हवन का सिलसिला शुरू हुआ जो जारी है। श्रद्धालुओं ने देवी मंदिरों व पूजा पंडालों में मां का दर्शन-पूजन कर मंगल कामना की।

मंदिरों में उमडे लोग

सुबह से ही माहौल भक्तिमय बना हुआ है। काली मंदिर गोलघर, दाउदपुर, कालीबाड़ी रेती चौक, तरकुलहा देवी व बुढ़िया माई मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। सुबह से ही पूजा-अर्चना व आरती चल रही है। जयघोष गूंज रहा है। मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड लगी हुई है। श्रद्धापूर्वक लोग मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं।

मंदिरों पर मेला का दृश्य

मंदिरों व पूजा पंडालों के आसपास मेले का दृश्य है। पूजन सामग्रियों के अलावा खिलौनों अन्य सामान की दुकानें भी सजी हुई हैं। श्रद्धालु पूजन-अर्चन के बाद खरीदारी कर रहे हैं। गुब्बारों, खिलाैनों व साैंदर्य प्रसाधन की दुकानों पर बच्चों-महिलाओं की भीड़ है। 

विजयादशमी कल

विजयादशमी का पर्व 15 अक्‍टूबर को परंपरागत रूप से आस्था व श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। बर्डघाट रामलीला मैदान में रावण वध का मंचन किया जाएगा। इसी दिन गोरक्षपीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आर्यनगर के तत्वावधान में मानसरोवर मैदान में आयोजित रामलीला में भगवान राम का तिलक करेंगे। विजय जुलूस के साथ वह रामलीला मैदान पहुंचेंगे। विजय जुलूस गोरखनाथ मंदिर से परंपरागत रूप से निकलता है।

कल होगा दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन

विजयादशमी के दिन मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। राप्ती तट के एकला व डोमिनगढ़ के पास पोखरा तैयार दिया गया है। नदी पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए मां की प्रतिमाओं को पोखरों में विसर्जित किया जाएगा। इस बार प्रतिमाएं पांच-छह फीट की ही स्थापित की गई हैं, इसलिए छोटी गाड़ियों से उन्हें आसानी से पोखरों तक ले जाया जा सकेगा।

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