Caravanavirus in Gorakhpur: गोरखपुर में कोरोना से सात लोगों की मौत, एक ही दिन में 773 संक्रमित Gorakhpur News
सीएमओ ने बताया कि जिले में अब तक 27387 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 21982 स्वस्थ हो चुके हैं। 380 की मौत हो चुकी है। 5025 सक्रिय मरीज हैं। शुक्रवार को मिले संक्रमितों में 451 शहर के हैं। इसमें एक अधिकारी व 15 कर्मचारी दीवानी कचहरी के भी हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले में शुक्रवार को सात संक्रमितों की मौत हो गई। सभी मौतें पोर्टल पर अपलोड न होने से स्वास्थ्य विभाग ने सिर्फ दो मौत की सूचना जारी है। कोरोना संक्रमण के नमूनों की जांच में 773 में संक्रमण की पुष्टि हुई। एक दिन पूर्व मिले संक्रमितों से यह संख्या लगभग दो सौ कम है। इससे स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली है।
अब तक 380 लोगों की मौत और 27387 लोग संक्रमित
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने बताया कि जिले में अब तक 27387 लोग संक्रमित हो चुके हैं। 21982 स्वस्थ हो चुके हैं। 380 की मौत हो चुकी है। 5025 सक्रिय मरीज हैं। शुक्रवार को मिले संक्रमितों में 451 शहर के हैं। इसमें एक अधिकारी व 15 कर्मचारी दीवानी कचहरी के भी हैं। सीएमओ ने कहा है कि बचाव ही इस महामारी से जीतने का मूल मंत्र है। इसलिए मास्क पहनें और शारीरिक दूरी का पालन करें। भीड़ में न जाएं।
रामजानकी नगर निवासी 46 वर्षीय, बहरामपुर के 59 वर्षीय व्यक्ति, नरङ्क्षसहपुर के 45 वर्षीय व्यक्ति, कुसम्हीं निवासी 27 वर्षीय महिला व सिघडिय़ा के 25 वर्षीय युवक बीआरडी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में भर्ती थे। शुक्रवार को उनकी मौत हो गई। इसी वार्ड में भर्ती शहर 65 और 55 वर्षीय महिलाओं ने भी अंतिम सांस ली।
राप्ती तट पर 12 कोरोना संक्रमितों का अंतिम संस्कार
राप्ती तट पर शुक्रवार को कोरोना संक्रमण से मृत्यु के बाद 12 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। इनमें छह शवों का अंतिम संस्कार लकड़ी आधारित प्रदूषणमुक्त शवदाह संयंत्र और छह का परंपरागत विधि से किया गया। महापौर सीताराम जायसवाल ने बताया कि कोरोना संक्रमण से हुई मौत के बाद शवों के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम प्रशासन ने पहले ही कर्मचारियों की तैनाती कर दी है। स्वजन को कोई परेशानी नहीं होने दी जाएगी।
लकड़ी हुई महंगी
राप्ती नदी के तट पर स्वजन के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार करने आने वालों को लकड़ी महंगी मिल रही है। लकड़ी की कीमत वर्तमान में 750 रुपये से एक हजार रुपये प्रति क्विंटल हो गई है। पिछले साल इसकी कीमत छह सौ से 750 रुपये थी। परंपरागत विधि से शवदाह में चार से पांच क्विंटल लकड़ी का इस्तेमाल होता है।