इन्होंने की थी गीता प्रेस की स्थापना, जानें-क्या था उद्देश्य

सेठजी जयदयाल गोयंदका ने ही गोरखपुर में गीताप्रेस की स्थापना कराई। 1923 में स्थापित गीता प्रेस से सस्ते दाम पर धार्मिक पुस्तकें मिलती हैं।

By Edited By: Publish:Sat, 25 May 2019 02:28 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 10:53 AM (IST)
इन्होंने की थी गीता प्रेस की स्थापना, जानें-क्या था उद्देश्य
इन्होंने की थी गीता प्रेस की स्थापना, जानें-क्या था उद्देश्य
गोरखपुर, जेएनएन। सेठजी जयदयाल गोयंदका ने गोरखपुर को गीताप्रेस के रूप में एक ऐसी थाती दी जो गोरखपुर की पहचान बन गई। उन्होंने 1923 में गीताप्रेस की स्थापना की और लागत मूल्य से भी कम कीमत पर गीता उपलब्ध कराई। गीताप्रेस अपने इस उद्देश्य पर आज भी काम कर रहा है, इसके अलावा गीताप्रेस ने अन्य धार्मिक पुस्तकों को भी सस्ते दर पर पूरे विश्व में पहुंचाने का अभियान शुरू किया, जो अनवरत जारी है।
गोरखपुर में गीताप्रेस की स्थापना चूरू राजस्थान निवासी सेठजी जयदयाल गोयंदका ने की थी। पैतृक व्यापार के अलावा अध्यात्म व साधु-संतों में उनकी श्रद्धा थी। व्यापार कार्य के लिए जब वह कोलकाता जाते थे तो वहां सत्संग भी करते थे। सत्संगियों की संख्या बढ़ने पर भाड़े पर एक मकान लिया गया और उसे 'गोविंद भवन' नाम दिया गया। ऐसे हुआ कार्य का शुभारंभ सत्संगियों को स्वाध्याय के लिए गीता की आवश्यकता हुई किंतु शुद्ध पाठ व सही अर्थ की गीता उस समय सुलभ नहीं थी, इसलिए सेठजी ने गीता की अन्वय, पदच्छेद सहित टीका तैयार करके 'गोविंद भवन' की ओर से छपवाना शुरू किया।
मुद्रण में त्रुटियां होने लगीं, मशीन बार-बार रोककर संशोधन करना पड़ता था, यह प्रेस मालिक के अनुकूल नहीं था, इसलिए सेठजी ने गीता के प्रकाशन के लिए स्वयं का प्रेस लगवाने की सोची। गोरखपुर के घनश्याम दास जालान व महावीर प्रसाद पोद्दार ने उन्हें गोरखपुर में प्रेस लगाने का प्रस्ताव दिया। 23 अप्रैल, 1923 को गोरखपुर में प्रेस की स्थापना हुई, उसका नाम गीताप्रेस रखा गया।
एक नजर
नाम - जयदयाल गोयंदका।
उपनाम - सेठजी।
आविर्भाव - अधिक ज्येष्ठ कृष्ण षष्ठी, बृहस्पतिवार, विक्रम संवत् 1942।
जन्म स्थान - चूरू, राजस्थान महाप्रयाण- वैशाख कृष्ण द्वितीया, शनिवार, विक्रम संवत् 2022।
पिता- खूबचंद गोयंदका माता- श्यो बाई गीता वाटिका में जयंती आज सेठजी जयदयाल गोयंदका की 134 वीं जयंती शुक्रवार को गीता वाटिका के श्रीराधाकृष्ण साधना मंदिर में मनाई जाएगी। सायं 4:30 से छह बजे तक भगवन्नाम संकीर्तन आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति के सचिव उमेश कुमार सिंहानिया ने दी।

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