गोरखपुर में डाक्टरों पर गंभीर आरोप, पोस्टमार्टम की गलत रिपोर्ट से बढ़ रहीं पुलिस की मुश्किलें
पोस्टमार्टम में डाक्टरों की गलत रिपोर्ट से निर्दोषों को भी परेशान होना पड़ता है। इस पर आपत्ति जताते हुए एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने डीएम और सीएमओ को पत्र लिखकर पोस्टमार्टम में मौत की वजह का स्पष्ट उल्लेख करने को कहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। शव का पोस्टमार्टम और रिपोर्ट तैयार करने में डाक्टर लापरवाही बरत रहे हैं। डूबने और खुदकुशी के मामलों में सिर में चोट लगने से मौत की रिपोर्ट के चलते पुलिस को हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ रहा है। इससे पुलिस के साथ ही मुकदमे में अभियुक्त बनाए गए निर्दोषों को भी परेशान होना पड़ता है। इस पर आपत्ति जताते हुए एसएसपी जोगेंद्र कुमार ने डीएम और सीएमओ को पत्र लिखकर पोस्टमार्टम में पूरी सावधानी बरतने और मौत की वजह का स्पष्ट उल्लेख करने को कहा है।
यहां पर दिखाया हेड इंजरी
हाल के दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें नदी या नाले में छलांग लगाने के दौरान लगी चोट को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डाक्टर ने हेड इंजरी लिखकर छोड़ दिया। स्पष्ट नहीं किया गया कि मौत किस वजह से हुई। वहीं फांसी लगाने के बाद तड़पने के दौरान शरीर में आयी चोट का तो डाक्टरों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेख किया, लेकिन मौत की वजह स्पष्ट नहीं की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इंजरी का उल्लेख होने से पुलिस को हत्या का मुकदमा दर्ज करना पड़ता है। पीडि़त पक्ष पुरानी रंजिश में बेगुनाह को अभियुक्त बना देता है। हालांकि तफ्तीश में आरोपित के निर्दोष पाए जाने पर नाम निकाल दिया जाता है, लेकिन इसको लेकर पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगते हैं। इस संबंध में डीएम और सीएमओ को लिखे पत्र में एसएसपी ने नए फार्मेट में नियमों का पालन करते हुए पोस्टमार्टम करने के लिए निर्देश देने की सिफारिश की है।
2012 में जारी हुआ था नया फार्मेट
शासन ने विशेषज्ञों की सलाह पर 2012 में पोस्टमार्टम के लिए नया फार्मेट जारी किया था। इसमें पोस्टमार्टम और रिपोर्ट तैयार करने के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए थे। इस फार्मेट में भी मौत की वजह का स्पष्ट उल्लेख करने के निर्देश हैं। एसएसी जोगेंद्र कुमार का कहना है कि मुकदमे की तफ्तीश में पोस्टमार्टम रिपोर्ट बेहद अहम होती है। यह रिपोर्ट तैयार करने में पूरी सावधानी बरतने के लिए सीएमओ को पत्र लिखा गया है।