Corona effect: बच्चों के ड्रेस के लिए स्कूलों को पैसा मिला, ड्रेस कब मिलेगा पता नहीं Gorakhpur News

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि स्कूल ड्रेस के मद में पैसा आ चुका है। अवमुक्त धन स्कूलों को प्रेषित कर दिया गया है।

By Satish ShuklaEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 05:40 PM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 05:40 PM (IST)
Corona effect: बच्चों के ड्रेस के लिए स्कूलों को पैसा मिला, ड्रेस कब मिलेगा पता नहीं Gorakhpur News
Corona effect: बच्चों के ड्रेस के लिए स्कूलों को पैसा मिला, ड्रेस कब मिलेगा पता नहीं Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। सर्वशिक्षा अभियान के तहत परिषदीय स्कूलों के ब'चों को दो जोड़ी निशुल्क ड्रेस दी जाती है। इसके लिए प्रति वर्ष जनपद में करीब 12 करोड़ रुपये से अधिक की रकम आती है। इस बार भी समय से धन तो आ गया है, लेकिन स्कूल में बच्चे अभी भी नहीं आ रहे हैं। ऐसे में उन्हें समय पर ड्रेस दे पाना विभाग के लिए मुश्किल होगा। कोरोना के कारण शिक्षक भी स्कूल के अलावा कहीं भी जाने से कतरा रहे हैं। ऐसे में बच्चों की नाप कब ली जाएगी और कब ड्रेस सिलने के लिए दिया जाएगा इसको लेकर संशय बरकरार है। यदि अभी से तेजी दिखाते हैं तो बच्चों तक ड्रेस पहुंचते-पहुंचते ठंड शुरू हो जाएगी।

नियमत: हर साल जुलाई माह से स्कूलों में बच्चों को ड्रेस बंटने लगता है। इस बार कोरोना की वजह से पूरा मामला खटाई में पड़ गया है। हालांकि बच्चों के ड्रेस का पैसा आ चुका है, जिसे स्कूलों के खातों मे भेज भी दिया गया है।

सिलवाने से पहले ली जाती है बच्चों की नाप

बच्चों को ड्रेस सिलवाने से पहले उनकी नाप ली जाती है, लेकिन इस बार विद्यालय बंद होने के कारण नाप लेने में शिक्षकों को परेशानी हो रही है। ड्रेस को लेकर सरकार ने पहले ही निर्देश दे दिया है कि सभी बच्चों की नाप लेकर ही ड्रेस की सिलाई कराई जाए। इस बार इसके लिए महिलाओं के छोटे-छोटे स्वयं समूहों को इसमें शामिल करने को कहा गया है, ताकि उन्हें भी रोजगार मिल सके।

बच्चे उपलब्ध होते ही नाप लेकर शुरू हो जाएगी सिलाई

इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी भूपेन्द्र नारायण सिंह का कहना है कि स्कूल ड्रेस के मद में पैसा आ चुका है। अवमुक्त धन स्कूलों को प्रेषित कर दिया गया है। जैसे ही बच्चे उपलब्ध होंगे, उनका नाप लेकर स्कूल ड्रेस सिलवाना शुरू कर दिया जाएगा, ताकि बच्चों को समय से ड्रेस वितरित की जा सके। बिना नाप के ड्रेस सिलाने की शिकायत मिलने पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक व शिक्षक जिम्मेदार होंगे। 

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