Schools Re-Open in Gorakhpur: पांच माह बाद खुले कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल, आड-ईवन व्यवस्था के तहत चलीं कक्षाएं

Schools Re-Open in Gorakhpur पिछले पांच माह से बंद कक्षा 9 से 12वीं तक के स्कूल सोमवार से खुले तो एक बार फिर से रौनक लाैट आई। स्कूल आने वाले सभी छात्र-छात्राओं को थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर से हाथ धुलवाकर स्कूल में प्रवेश दिया गया।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 16 Aug 2021 09:53 AM (IST) Updated:Mon, 16 Aug 2021 09:43 PM (IST)
Schools Re-Open in Gorakhpur: पांच माह बाद खुले कक्षा 9 से 12 तक के स्कूल, आड-ईवन व्यवस्था के तहत चलीं कक्षाएं
गोरखपुर में एक स्‍कूल में प्रवेश करने से पहले छात्रा की जांच करते अध्‍यापक। - जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कोरोना के कारण पिछले पांच माह से बंद स्कूल सोमवार से खुले तो एक बार फिर से रौनक लाैट आई। स्कूल आने वाले सभी छात्र-छात्राओं को थर्मल स्कैनिंग व सैनिटाइजर से हाथ धुलवाकर अभिभावकों की सहमति पत्र दिखाने के बाद स्कूल में प्रवेश दिया गया। बच्चे भी अपने साथ मास्क व सैनिटाइजर लाना नहीं भूले। इस दौरान स्कूलों के प्रधानाचार्य व शिक्षक मुख्य द्वार पर मौजूद रहे। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी स्कूलों का दौरा कर कोविड-19 गाइड लाइन के तहत हुई व्यवस्था का जायजा लिया और बच्चों व शिक्षकों से उनका हाल पूछा।

गुलजार हुए स्‍कूल

शहर के कार्मल, सेंट जोसफ स्कूल, एमपी, एमजी,सेंट एंड्रयूज, राजकीय एडी व राजकीय जुबिली इंटर कालेज समेत सभी सरकारी निजी विद्यालय खुलते ही छात्र-छात्राएं पहुंचने लगे। इस दौरान लंबे अर्से बाद सभी ने एक दूसरे से हालचाल पूछा और पढ़ने के लिए अपनी-अपनी कक्षाओं की ओर बढ़ चले। स्कूल आने वाले सभी छात्र मास्क लगाए हुए थे। कार्मल स्कूल में छात्राएं स्कूल आकर पढ़ने को लेकर उत्साहित दिखीं। इस दौरान शिक्षकों ने उनसे पहले जल्द से जल्द अधूरे पाठ्यक्रमों को पूरा करने को कहा और फिर उनकी कक्षाएं लेने में जुट गए। अधिकांश स्कूलों में कोरोना को लेकर सतर्कता नजर आई। कार्मल गर्ल्स इंटर कालेज व राजकीय एडी कन्या इंटर कालेज में शारीरिक दूरी का ख्याल करते हुए कक्षाएं शुरू हुईं। जबकि एमजी इंटर कालेज व एमपी इंटर कालेज में थर्मल स्कैनिंग के बाद प्रवेश दिया गया।

दो पालियों में संचालित हुईं कक्षाएं

पहली पाली में सुबह 8 से 12 बजे तक कक्षा 9 व 10वीं तो दूसरी पाली में दोपहर 12.30 से 4.30 बजे तक 11वीं व 12वीं के विद्यार्थियों की कक्षाएं चलीं। कई स्कूलों में सुबह-सुबह बच्चों को पहुंचने पर पहले गेट पर तैनात गार्ड ने थर्मल स्क्रीनिंग की। इसके बाद बच्चे क्रम से गेट से अंदर आएं।

डायट प्राचार्य व डीआइओएस ने किया स्कूलों का निरीक्षण

शासन द्वारा जनपद के स्कूलों के निरीक्षण के लिए नामित डायट प्राचार्य डा.भूपेंद्र कुमार सिंह व डीआइओएस ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह भदौरिया ने जिले के लगभग दर्जन भर स्कूलों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। डायट प्राचार्य ने दस विद्यालयों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्थाएं देखी। साथ ही स्कूलों में कोविड-19 गाइड लाइन का पालन किया जा रहा है या नहीं यह भी देखा। डायट प्राचार्य ने बताया कि पहले दिन उपस्थिति कम रही। जरूरत के अनुसार आवश्यक निर्देश भी दिए गए। शासन को निरीक्षण आख्या फोटोग्राफ सहित प्रेषित कर दी गई है। डीआइओएस सुबह आठ बजे स्कूलों का निरीक्षण करने निकले और राजकीय एडी कन्या गर्ल्स इंटर कालेज, राजकीय जुबिली इंटर कालेज समेत आठ स्कूलों का निरीक्षण किया।

जिले में स्कूलों की संख्या

सीबीएसई: 117

आइसीएसई: 19

माध्यमिक विद्यालय: 485

दो बार प्रार्थना सभा का आयोजन

दो शिफ्ट में स्कूल चले तो दो शिफ्ट में अलग-अलग प्रार्थना सभा भी आयोजित हुई। पांच माह बाद शिक्षक व छात्र एक साथ प्रार्थना सभा में शामिल हुए और सभी के कानों में घंटी की आवाज गूंजी।

पहले दिन कम रहीं छात्रों की संख्या

पहले दिन कुल नामांकित छात्रों में से सिर्फ पचास फीसद को ही स्कूल बुलाया गया था। इस हिसाब से माध्यमिक स्कूलों में 25 से 30 तथा सीबीएसई व आइसीएसई के स्कूलों में 30 से 40 फीसद छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। एमजी इंटर कालेज में दोनों पालियों में कक्षा 9 से 12वीं तक के कुल 1100 विद्यार्थी तथा स्टोपिंग स्टोन इंटर कालेज में 350 उपस्थित रहे। इसी प्रकार राजकीय एडी कन्या इंटर कालेज, राजकीय जुबिली इंटर कालेज तथा आरपीएम एकेडमी 40 फीसद छात्र-छात्राओं ने उपस्थिति दर्ज कराई।

कई स्कूलों में आड-ईवन व्यवस्था के तहत चलीं कक्षाएं

शहर के कई सीबीएसई व आइसीएसई संचालित स्कूल एक दिन में दो पालियों में स्कूल संचालित न कर आड-ईवन व्यवस्था के तहत विद्यार्थियों को स्कूल बुलाकर कक्षाएं संचालित की गईं। यानी पहले दिन जो विद्यार्थी स्कूल आएंगे वह दूसरे दिन नहीं आएंगे। आनलाइन कक्षाएं पहले की तरह ही संचालित होती रहेगी। जो छात्र स्कूल नहीं जाएंगे वह घर से ही आनलाइन कक्षाओं के जरिए पढ़ाई करेंगे।

बहुत अच्छा लग रहा पांच माह बाद स्कूल आकर। आफलाइन पढ़ाई में जितनी बातें आसानी से समझ में आती है, उतनी आनलाइन में नहीं। अब हम नियमित स्कूल आकर अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करेंगे। - श्रेया सिंह, एडी इंटर कालेज।

कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से पहले ही पढ़ाई का काफी नुकसान हो चुका है। अब मैं नियमित स्कूल आऊंगी। ताकि कोरोना के दौरान पढ़ाई के नुकसान की भरपाई हो सके। - अपर्णा पासवान, एडी इंटर कालेज

स्कूल आने पर पढ़ाई का एक नियमित रूटीन बन जाता है। घर रहकर स्कूल की तरह पढ़ाई नहीं हो पाती। आफलाइन कक्षाएं नहीं चलने से काफी पढ़ाई प्रभावित हुई है अब उसे पूरा करने पर जोर रहेगा। -इकरा अंसारी, कार्मल गर्ल्स इंटर कालेज

आफलाइन पढ़ाई का विकल्प आनलाइन नहीं हो सकता। अब स्कूल खुल गया है। ऐसे में हम अपनी अधूरी पढ़ाई कक्षाओं में बैठकर पूरी करेंगे। - प्रतीक राज जायसवाल, एमपी इंटर कालेज

अभी तक घर पर आनलाइन पढ़ाई करते थे। अब कोविड-19 गाइड लाइन का पालन करते हुए नियमित स्कूल आएंगे और सुरक्षित रहकर पढ़ाई करेंगे। - अपूर्व त्रिपाठी, सेंट जोसफ स्कूल, खोराबार

घर पर रहकर पढ़ाई नहीं हो पा रही थी। इसलिए स्कूल खुलना आवश्यक था। अब हम अच्छे ढंग से पढ़ सकेंगे और समय से पाठ्यक्रम पूरा कर सकेंगे। -शिवम खरवार, राजकीय जुबिली इंटर कालेज।

पांच माह बाद स्कूल आकर बच्चे उत्साहित नजर आएं। अभिभावक भी लंबे समय से स्कूल खुलने का इंतजार कर रहे थे। कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए कक्षाएं दो पालियों में संचालित की गईं। कक्षाओं में फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए विद्यार्थियों को बैठने की व्यवस्था की गई थी। बच्चों की सुरक्षा को लेकर पूरी सतर्कता बरती जा रही है। -अजय शाही, अध्यक्ष, गोरखपुर स्कूल एसाेसिएशन।

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