स्कूल ड्रेस का कपड़ा अब बुनकरों से खरीदा जाएगा, उत्पाद की गुणवत्ता परखेंगे विशेषज्ञ Gorakhpur News
प्रदेश सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे पावरलूम बुनकरों को रोजगार देने के उद्देश्य से स्कूल ड्रेस का कपड़ा बुनकरों से खरीदने का निर्णय लिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। टेक्सटाइल कमेटी ने पावरलूम में तैयार कपड़ों की गुणवत्ता परखने के लिए गोरखपुर व संतकबीर नगर के 25 बुनकरों के कपड़ों के नमूने लिए हैं। इसकी गुणवत्ता अगर मानक के अनुरूप हुई तो सरकारी स्कूल के बच्चों का ड्रेस तैयार करने के लिए उन्हें आपूर्ति की स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
गोरखपुर और संतकबीर नगर के बुनकरों को शूटिंग के कपड़े की जिम्मेदारी
प्रदेश सरकार ने आर्थिक तंगी से जूझ रहे पावरलूम बुनकरों को रोजगार देने के उद्देश्य से स्कूल ड्रेस का कपड़ा बुनकरों से खरीदने का निर्णय लिया है। गोरखपुर व संतकबीर नगर के बुनकरों को शूटिंग का कपड़ा तैयार करना है।
शर्टिंग का कपड़ा आंबेडकर नगर में बनेगा
जबकि शर्टिंग का कपड़ा आंबेडकर नगर में बनेगा। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बीकापुर (अयोध्या), जलालपुर (आंबेडकरनगर), कैम्पियरंगज (गोरखपुर), फतेहपुर मंडराव (मऊ), अहिरौला (आजमगढ़), आराजी लाइन (वाराणसी), राजपुरा (मेरठ), दादरी (गौतमबुद्ध नगर) विकास खंड के सभी विद्यालयों में स्कूल ड्रेस आपूर्ति की अनुमति दी गई है। हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग निदेशालय बुनकरों को धागा, माल रखने के लिए गोदाम समेत अन्य सुविधाएं मुहैया कराएगा। धागा न मिलने पर बुनकरों को अग्रिम धनराशि देकर वस्त्र तैयार कराया जाएगा।
मंजूरी मिलते ही कपड़े की आपूर्ति होगी शुरू
सहायक आयुक्त हथकरघा रामबड़ाई का कहना है कि उपायुक्त हथकरघा केसी वर्मा एवं क्षेत्रीय प्रबंधक अखिलेश श्रीवास्तव ने शासन के निर्देश पर पावरलूम का निरीक्षण कर शूटिंग के कपड़ों का नमूना लिया है। गुणवत्ता परखने के लिए कपड़ों को टेक्सटाइल कमेटी पास भेजा जाएगा। स्वीकृति मिलते ही कपड़ों की आपूर्ति शुरू हो जाएगी।
बुनकरों के दिन बहुरेंगे
प्रदेश सरकार के इस निर्णय के बाद बुनकरों के दिन एक बार फिर बहुरेंगे। गोरखपुर और संतकबीर नगर जिले में बुनकरों की अच्छी खासी संख्या है। एक समय था जब यहां के कपड़े बाहर के प्रदेशों में जाया करते थे। संतकबीर नगर में तो आज भी प्रत्येक रविवार की रात बाजार लगता है। उसकी खरीदारी और बिक्री के लिए प्रदेश के कई जिलों से उत्पाद आता है। सरकार के इस निर्णय के बाद बुनकरों के चेहरे पर फिर खुशी लौट आई है।