गांव की तरफ बढ़ने लगा सरयू नदी का पानी
गौरा-सैफाबाद तटबंध पर स्थित टकटकवा गांव की सुरक्षा के लिए बने रिगबाध पर दबाव बढ़ने के साथ ही कटान भी शुरू हो गई है। भयभीत ग्रामीण अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिए हैं। गांव के रामफेर यादव घर में लगे ईंट निकालने लगे हैं वहीं कुछ लोग टैक्टर ट्रालियों से छप्पर एवं अन्य जरूरी सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाते दिखे।
बस्ती: अतिसंवेदनशील तटबंध कटरिया-चांदपुर और गौरा-सैफाबाद पर एक बार फिर सरयू नदी के पानी का दबाव बढ़ने लगा है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। लगातार हो रही बारिश के चलते जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। दूसरी तरफ तटबंधों की मरम्मत एवं बचाव कार्य में बाधा आ रही है। तटबंध और नदी के बीच स्थित टेड़वा,सुबिखाबाबू, बिसुन्दासपुर और खजांचीपुर गांव के निवासियों की परेशानी बढ़ने लगी है। नदी का पानी गांव की तरफ फैल रहा है। पशुओं के लिए चारे का संकट भी पैदा हो गया है।
टकटकवा गांव के ग्रामीण तोड़ने लगे अपना आशियाना
गौरा-सैफाबाद तटबंध पर स्थित टकटकवा गांव की सुरक्षा के लिए बने रिगबाध पर दबाव बढ़ने के साथ ही कटान भी शुरू हो गई है। भयभीत ग्रामीण अपने सामान को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना शुरू कर दिए हैं। गांव के रामफेर यादव घर में लगे ईंट निकालने लगे हैं, वहीं कुछ लोग टैक्टर ट्रालियों से छप्पर एवं अन्य जरूरी सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाते दिखे।
खेतों में भरा पानी
शनिवार को नदी का जलस्तर एक फुट से ज्यादा बढ़ गया। तटबंध पर बने रेगुलेटर तक पानी पहुंच गया है। रेगुलेटर सही तरीके से बंद नहीं होने के कारण रात भर रिसाव होता रहा, जिससे तटबंध और रामजानकी मार्ग के बीच स्थित खलवा और चांदपुर गांव के निकट खेतों में पानी फैल गया है। रविवार की सुबह ग्रामीणों ने हो हल्ला मचाया तब बाढ़ खंड के अधिकारियों की निद्रा टूटी। अधिशासी अभियंता दिनेश कुमार ने बताया कि रेगुलेटर से हो रहा रिसाव बंद कर दिया गया है। तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है। कई जगहों पर जलस्तर बढ़ने से तटबंध पर दबाव बढ़ गया है।