देवरिया में घटता जा रहा सरयू नदी का जलस्तर, लोगों ने ली राहत की सांस

देवरिया जिले में सरयू और राप्ती नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। बाढ़ का पानी अब मैदानी क्षेत्रों से हटने लगा है। सरयू नदी खतरे के निशान 66.50 मीटर से ऊपर 67.98 मीटर पर बह रही थी।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 08:45 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 08:45 AM (IST)
देवरिया में घटता जा रहा सरयू नदी का जलस्तर, लोगों ने ली राहत की सांस
बरहज में सरयू नदी का जलस्तर घटने के बाद भी उफान पर। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : देवरिया जिले में सरयू और राप्ती नदी का जलस्तर लगातार घट रहा है। बाढ़ का पानी अब मैदानी क्षेत्रों से हटने लगा है। सरयू नदी खतरे के निशान 66.50 मीटर से ऊपर 67.98 मीटर पर बह रही थी। नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 98 सेंटीमीटर ऊपर है। 24 घंटे में जलस्तर में दो सेंटीमीटर की कमी आई है। कपरवार में राप्ती नदी का जलस्तर घट रहा है। दोनों नदियों का जलस्तर घटने से लोग राहत महसूस कर रहे हैं।

सरकारी नाव का संचालन बंद होने से लोग परेशान

सरयू नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद से लोक निर्माण विभाग ने इंजनयुक्त नाव का संचालन बंद कर दिया था। नदी पार से आने-जाने वाले लोग निजी नाव से यात्रा कर रहे हैं। ग्राम प्रधान ओमप्रकाश यादव, रमाशंकर यादव, दिनेश चौहान, अनिल निषाद ने लोगों की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए इंजनयुक्त नाव का संचालन शुरू करने की मांग की है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता अखिलेश राम ने बताया कि जलस्तर कम हुआ है। आज से नाव का संचालन किया जाएगा।

बाढ़ का पानी हटते ही किसानों की बर्बादी का दिखने लगा आलम

बरहज तहसील क्षेत्र के कई गांव के किसानों की खेत में रेत और मिट्टी जमा हो गई है। बोई गई फसलों का नामोनिशान मिट गया है। मेहनत की थाती डूबने व खेतों में बालू मिट्टी से दब जाने से किसान चिंतित हैं। कपरवार में धान, मक्का, गन्ना, परसिया देवार में एक सौ पचास बीघा धान, गन्ना, अरहर, भदिला प्रथम में चार सौ बीघा बाढ़ के पानी से फसल बर्बाद हो गई है। क्षेत्र से बाढ़ का पानी उतर गया है। इसके साथ ही खेतों में बर्बाद हुए फसल का मंजर दिखने लगा है। धान, मक्का मिट्टी से दब गए हैं। कपरवार संगम, कुरह परसिया व कटइलवा तक बोए गए खेतों में नष्ट फसल दिखाई दे रहा है। यह देख किसान आहत और परेशान हैं। किसान तेज नारायण सिंह, अखिलेश सिंह, सुरेश यादव,रामनक्षत्र यादव ने बताया कि बाढ़ से खेतों में फसल गल गई है या मिट्टी बालू से दब गई है। तहसीलदार सतीश कुमार ने बताया कि किसानों की फसलों के नुकसान का सर्वे हो रहा है। इसके बाद सहायता दी जाएगी।

किसान बोले, क्षति का आंकलन कर मिले सहायता

ग्राम कपरवार के कुबाईच के किसान सुरेश यादव ने बताया कि इस बार बाढ़ ने काफी नुकसान पहुंचाया है। फसल नष्ट हुई है। खेतों में बालू आने से आगे की खेती पर भी संकट है। खेती की लागत बर्बाद हो गई है। सरकार आकलन कर समुचित मुआवजा दे। राजपुर निवासी उदयभान बताते हैं कि खेतों में लगी धान, गन्ना, अरहर, मक्का की फसल पानी में गल गए हैं। किसानों के लिए कुछ नहीं बचा है। किसानों का कहना है कि प्रशासन शीघ्र नुकसान का आंकलन कर मुआवजा दे।

chat bot
आपका साथी