संतकबीर नगर में फिर उफनाई सरयू नदी, बाढ़ पीड़ितों के सामने खड़ा हुआ संकट

संतकबीर नगर जिले के धनघटा तहसील क्षेत्र में सरयू नदी फिर उफना गई है। इससे नदी व बंधे के आसपास बसे गांवों के लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। इन गांवों के कुछ लोग अपना सामान समेटना शुरू कर दिए हैं।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 03:44 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 03:44 PM (IST)
संतकबीर नगर में फिर उफनाई सरयू नदी, बाढ़ पीड़ितों के सामने खड़ा हुआ संकट
धनघटा के तुर्कवलिया में उफनाई सरयू नदी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : संतकबीर नगर जिले के धनघटा तहसील क्षेत्र में सरयू नदी फिर उफना गई है। इससे नदी व बंधे के आसपास बसे गांवों के लोगों के सामने संकट खड़ा हो गया है। इन गांवों के कुछ लोग अपना सामान समेटना शुरू कर दिए हैं। इन सबके बीच कटान तो थम गई है, लेकिन बचाव कार्य में लगे विभागीयकर्मियों के सामने समस्या खड़ी हो गई है।

सरयू नदी के जलस्तर में दर्ज की गई 20 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी

सरयू नदी के जलस्तर में 24 घंटे के अंदर 20 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। नदी का जलस्तर 78.800 मीटर था। वहीं अब इसका जलस्तर बढ़कर 79.00 मीटर पर पहुंच गया है। अब यह नदी खतरे के निशान से मात्र 35 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। इसकी वजह से नदी व बंध के आसपास बसे गांव आगापुर, गुलरिहा, पटौवा ,कुर्मियान, कंचनपुर, सरैया, खरैया, चकदहा, सीयरकला आदि करीब दो दर्जन गांवों के लोगों के ऊपर फिर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। इन गांवों के कुछ लोगाें ने अपना सामान समेटना शुरू कर दिया है। यदि नदी का जलस्तर और बढ़ा तो ये लोग गांव से पलायन करने को विवश होंगे। गायघाट गांव के निवासी कृष्णचंद, कंचनपुर गांव के निवासी रामशंकर, सुभाष चंद्र यादव, हरिहर प्रसाद, सुमेर, जग नारायण आदि लोगों का कहना है कि उनकी नजर नदी के जलस्तर पर टिकी हुई है। यदि नदी का जलस्तर बढ़ा तो वे गांव से किसी दूसरे सुरक्षित जगह में चले जाएंगे।

पशुओं के चारे के लिए हो रही सबसे अधिक समस्या

जलस्तर बढ़ने से सबसे अधिक समस्या पशुओं के चारे के लिए हो रही है। पशु चारा के अभाव में भूखे पेट रहने को मजबूर हैं। तुर्कवलिया गांव के पास नदी की कटान थम गई है, लेकिन ड्रैनेज खंड के कर्मियों को बचाव कार्य करने में काफी दिक्कत हो रही है। बारिश के चलते मजदूर काम करने से कतरा रहे हैं। ड्रैनेज खंड के सहायक अभियंता सतीश चंद्र का कहना है कि नदी में पानी ज्यादा होने की वजह से यह नौबत आ रही है। नदी का जलस्तर घटने पर फिर कटान हो सकती है।

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