इस जिले में खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर बह रही सरयू नदी, तटबंध पर बढ़ा दबाव

सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। नदी खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर 92.89 मीटर पर बह रही है। खतरे का निशान 92.73 मीटर है। जलस्तर बढ़ने से कटरिया-चांदपुरचांदपुर-गौरा और गौरा-सैफाबाद तटबंध से बाढ़ का पानी टकराने लगा है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 09:10 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 09:10 PM (IST)
इस जिले में खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर बह रही सरयू नदी, तटबंध पर बढ़ा दबाव
टकटकवा मजरे के पास कटान करती नदी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : बस्ती जिले में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से तटबंध पर दबाव बढ़ गया है। नदी खतरे के निशान से 16 सेमी ऊपर 92.89 मीटर पर बह रही है। खतरे का निशान 92.73 मीटर है। जलस्तर बढ़ने से कटरिया-चांदपुर,चांदपुर-गौरा और गौरा-सैफाबाद तटबंध से बाढ़ का पानी टकराने लगा है। खलवा गांव के निकट स्थिति संवेदनशील है। वहीं कटरिया गांव के पास बने ठोकर पर दबाव बरकरार है।

मैरुंड हो गया सुबिखाबाबू गांव

सुबिखाबाबू गांव मैरुंड है, जबकि भुवरिया, आंशिक टेड़वा, श्रीराम पुरवा, अशोकपुर के कुछ मजरे, बर्दियालोहार का एक पुरवा, बिशुनदासपुर की अनुसूचित बस्ती, खजांचीपुर आदि मजरे बाढ़ प्रभावित हो गए हैं। गौरा-सैफाबाद तटबंध पर टकटकवा से लेकर दलपतपुर गांव तक तटबंध पर पानी का दबाव है। टकटकवा रिंग बांध पर नदी के दबाव के चलते धीरे-धीरे कटान हो रही है। टकटकवा के ग्रामीण अपने सामानों को सुरक्षित करने में लगे हैं। बढ़ते जलस्तर के चलते पशुपालकों के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हो गई है। सहायक अभियंता जितेंद्र कुमार ने कहा कि तटबंध सुरक्षित है। बचाव कार्य किया जा रहा है। कटान रोकने के लिए पर्याप्त संसाधन एकत्र कर लिए गए हैं।

बस्ती-डुमरियागंज मार्ग कुर्थियां से सल्टौआ तक गड्ढे में तब्दील

राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित बस्ती-डुमरियागंज मार्ग की सूरत अभी भी नहीं बदल पाई है। सिद्धार्थनगर जनपद की कुर्थिया सीमा से सल्टौआ तक 23 किमी सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। 50 किमी बस्ती-डुमरियागंज मार्ग दो जनपदों को जोड़ने के साथ पड़ोसी देश नेपाल को भी जोड़ती है। इतना महत्वपूर्ण सड़क होने के बाद भी कुर्थिया से सल्टौआ तक सड़क बदहाल है। इस मार्ग पर वाहन से चलना तो दूर पैदल चलने लायक नहीं है। सड़क में गड्ढे है या गड्ढे में सड़क, यह कहना मुश्किल है। कई जगह से सड़क की गिट्टियां उखड़ गई है। इस पर मार्ग यात्रा करना राहगीरों के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। अगर संभलकर यात्रा नहीं किए तो काफी चोट लग सकती है।

कदम-कदम पर हिचकोले खाने को विवश हैं राहगीर

कदम-कदम पर हिचकोले खाने के लिए राहगीर विवश हैं। देईपार स्थित सरयू नहर पुल के अप्रोच पर बने गड्ढे के कारण आए दिन राहगीर गिरकर चोटिल हो रहे हैं। जयराम चौधरी ने बताया कि इतनी महत्वपूर्ण सड़क रखरखाव के अभाव में उपेक्षित हो गई है। सड़क की बदहाली के चलते इस पर यात्रा करना काफी कठिन हो गया है। वीरेंद्र चौधरी ने बताया कि इस मार्ग से बड़ी संख्या में लोगों का आना-जाना रहता है। उसके बावजूद जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे है। व्यवसायी सुरेश गुप्ता ने बताया कि सड़क खराब होने का असर व्यवसाय पर भी पड़ रहा है। राजाराम तिवारी, वीरेंद्र यादव, कमलेंद्र पांडेय, सुरेश चौधरी, महेश गुप्ता ने जल्द ही सड़क की मरम्मत कराए जाने की मांग की है।

जिनवां-चिरैयाडाड़ मार्ग की हालत भी दयनीय

सल्टौआ प्रतिनिधि के अनुसार विकास क्षेत्र के जिनवां-चिरैयाडाड़ मार्ग की हालत भी दयनीय है। बासांपार गांव के पास जल निकासी न होने से बारिश का पानी सड़क के ऊपर से बह रहा है, जिससे राहगीरों को यात्रा करने में समस्‍या हो रही है। सड़क के ऊपर से पानी बहने की वजह से गड्ढे दिखाई नहीं पड़ रहे हैं, जिससे राहगीर गिरकर चोटिल हो जा रहे हैं। स्थानीय निवासी सत्येंद्र शुक्ल, मनोज कुमार यादव, महेंद्र गौतम, कार्तिकेय त्रिपाठी, जुग्गीलाल, कृष्ण कुमार चौधरी ने जलनिकासी की व्यवस्था बनाए जाने की मांग की है।

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