खतरे के निशान से 13 सेमी ऊपर पहुंची सरयू नदी, कई गांव प्रभावित
तटबंध और रामजानकी मार्ग के बीच स्थित गांव के पशुपालकों को पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करना कठिन हो गया है। लोग नाव के सहारे नदी पार कर चारा लेने जाने के लिए मजबूर हैं। जलस्तर बढ़ने से कटरिया चांदपुर चांदपुर गौरा गौरा सैफाबाद तटबधों पर दबाव बरकरार है।
बस्ती: पिछले कई दिनों से लगातार सरयू का जलस्तर बढ़ रहा है। शनिवार को केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सरयू खतरे के निशान 92.73 मीटर को पार कर 13 सेमी ऊपर 92.86 मीटर पर पहुंच गई। तटबंध और नदी के बीच बसे गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सुबिखाबाबू मैरूंड हो गया है, जबकि भुवरिया,आशिक टेड़वा, श्रीराम पुरवा, अशोकपुर के कुछ मजरे, बर्दियालोहार का एक पुरवा, बिशुनपुर की अनुसूचित बस्ती, खजांचीपुर आदि मजरे बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
तटबंध और रामजानकी मार्ग के बीच स्थित गांव के पशुपालकों को पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करना कठिन हो गया है। लोग नाव के सहारे नदी पार कर चारा लेने जाने के लिए मजबूर हैं। जलस्तर बढ़ने से कटरिया चांदपुर, चांदपुर गौरा, गौरा सैफाबाद तटबधों पर दबाव बरकरार है। टकटकवा गांव के निकट बने रिग बांध को नदी ने अपने आगोश में लेना शुरू कर दिया है। विभाग का मानना है तटबंध पूरी तरह सुरक्षित है।
अनुसूचित बस्ती के ग्रामीणों को नहीं मिल पाई जमीन
बंजरिया सूवी गांव के प्रधानप्रतिनिधि नीरज सिंह ने बताया कि तटबंध और नदी के बीच स्थित अनुसूचित बस्ती के लोगों को विस्थापित करने के लिए जमीन पट्टा तो कर दिया गया है, लेकिन चिन्हांकन नहीं किए जाने से वह काबिज नहीं हो सके हैं। बैरागल ग्राम पंचायत के टकटकवा मजरे के पांच अन्य भूमिहीन परिवारों को विस्थापित करने के लिए शनिवार को लेखपाल रिशाक शुक्ल एवं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि नवी हुसैन ने टकटकवा पहुंचकर जमीन चिन्हांकन करने का प्रयास किया। तहसीलदार चंद्रभूषण प्रताप ने बताया कि टकटकवा मजरे के भूमिहीन परिवारों को जल्दी विस्थापित कर दिया जाएगा। राजस्व कर्मियों की टीम बनाकर बंजरिया सूवी में जमीन का चिन्हांकन कर पीड़ित परिवारों को बसाने के निर्देश दिए गए हैं।