जान जोखिम में डाल सरयू पार खेती कर रहे किसान
एक दर्जन गांवों के लोग नाव से पार कर रहे उफनाई नदी।
बस्ती, जेएनएन। थाना क्षेत्र के दर्जनों गांवों की खेती सरयू नदी के पार है। ग्रामीणों के पास नाव के सिवाय आवागमन का कोई और साधन नहीं है। यहां के किसानों को खेती बारी के लिए आए दिन जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ रहा है। इन दिनों स्थिति और भयावह है। उफनाई नदी की लहरों पर इनकी नैया डगमगाती किसी तरह पार हो रही है। कटरिया, बंजरिया, खजांचीपुर, खलवा, भिउरा, मझियार, शुकुलपुरा, पारा, दिलासपुरा आदि गांवों के ज्यादातर किसानों की खेती योग्य भूमि नदी के उस पार हैं। बाढ़ के समय खेती बारी कर पाना इन किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन जाती है। अन्य सीजन में नदी का जलस्तर कम होने से आसानी से लोग नाव से उस पार हो जाते हैं। बाढ़ के दौरान यह किसान खतरे से खेलकर खेती करते हैं। महिलाएं, बच्चे, पुरुष एक साथ सुबह नाव पर बैठकर नदी पार कर रहे हैं। दिन भर फसल की देखभाल और पशुओं के लिए चारा आदि एकत्र करने के बाद यह किसान परिवार के साथ नाव से नदी पार कर गांव आ जाते हैं। आजादी के बाद से यहां के किसानों के खेती बारी की यहीं परंपरा है। आवागमन के लिए इनके पास और कोई विकल्प भी नहीं है। यदा-कदा बाढ़ के पानी में नाव पलट जाती है और कोई न कोई मौत के मुंह चला जाता है। खजांचीपुर के रामबहोर, विष्णु यादव, शंकर, खलवा के पहलवान चौधरी, शिव पूजन, पारा के ¨पटू ¨सह आदि ने कहा कि परिवार के भरण-पोषण के लिए उस पार जाकर खेती करना हम लोगों की मजबूरी है। आवागमन का और कोई विकल्प न होने के कारण नाव से ही नदी पार करना पड़ता है। पिछले माह नदी पार करते समय नाव पलट गई थी। जिससे शुकुलपुरा गांव के एक किसान की मौत हो गई थी।