चंदन नदी उफनाई, माधव नगर तुरकहिया के पास टूटा भौरहिया नाला का बांध Gorakhpur News
यास चक्रवात का कहर अब महराजगंज के सीमा क्षेत्रों में असर दिखाने लगा है। समतल व पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गड्ढे व तालाब के बाद नदी व नाला उफनाने लगी हैं जिससे निकला पानी खेतों को डुबोने के बाद गांवों की तरफ बढ़ने लगा है।
गोरखपुर, जेएनएन : यास चक्रवात का कहर अब महराजगंज के सीमा क्षेत्रों में असर दिखाने लगा है। समतल व पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश से गड्ढे व तालाब के बाद नदी व नाला उफनाने लगी हैं, जिससे निकला पानी खेतों को डुबोने के बाद गांवों की तरफ बढ़ने लगा है। नेपाल से भारत में बहने वाली चंदन नदी व उससे निकला भौरहिया नाला उफना गया है, जिससे ग्राम माधव नगर तुरकहिया के पास बना पुल डूब गया है। साथ ही बंधे में कटान से पानी नाला से बहकर खेतों में पहुंचकर उसे डूबो दिया है।
25 किसानों की डूब गई धान की बेहन
ग्रामीण महेश, त्रिभुवन गुप्ता, संजय चौहान, जगदेव गुप्ता, अनिरुद्ध, राजू गुप्ता, पन्नेलाल चौधरी, रामचंद्र प्रजापति, श्यामवेंद्र गुप्ता, नारद चौधरी, वाहिद अली, रधई चौधरी, गजेंद्र चौधरी, रामसमुझ गुप्ता, रामराज यादव, गजेंद्र चौधरी, योगेंद्र यादव, रामदेव यादव आदि ने बताया कि भौरहिया नाला पर बांध टूटने की सूचना ग्रामीणों ने प्रशासन को पहले ही दे दी थी। इसके बाद एसडीएम ने मौके का निरीक्षण कर बांध ऊंचा कराने का आश्वासन दिया था। करीब 25 किसानों का धान की बेहन डूब गई है। साथ ही नाला का पानी गांवों की तरफ बढ़ रहा है, जिससे गांव के मुख्य रास्ते डूब गए हैं।
दुर्गा मंदिर के गर्भ गृह तक पहुंचा पानी
ठूठीबारी संवाददाता के अनुसार लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश से कस्बा स्थित दुर्गा मंदिर के गर्भ गृह तक बरसात का पानी घुस गया है, वहीं लोगों को पानी निकालने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं। कोठीभार संवाददाता के अनुसार पिछले तीन दिनों से हो रही बारिश के कारण विकास खंड सिसवा अंतर्गत ग्राम सोनबरसा व चैनपुर को जोड़ने वाली छोटी गंडक का पुल टूटने से आवागमन बाधित है।
महाव का जलस्तर बढ़ते ही सहमे तटवर्ती ग्रामीण
नौतनवा तहसील क्षेत्र से होकर बहने वाले महाव नाला का जलस्तर अचानक बढ़ गया। बांध से जगह- जगह हो रहे पानी के रिसाव को देखकर ग्रामीण सहम उठे। हालांकि कुछ घंटे बाद जलस्तर सामान्य होते ही लोगों ने राहत की सांस ली। पहाड़ों पर हुई झमाझम बारिश के बाद पहाड़ी नाला महाव जैसे ही उफान पर आया।