गोरखपुर विश्वविद्यालय में घट गया आउटसोर्सिंंग कर्मचारियों का वेतन
विश्वविद्यालय में करीब 300 कर्मचारी अकुशल के तौर पर आउटसोर्सिंग सग के जरिए तैनात हैं। इन कर्मचारियों को पिछले छह वर्षों से हर महीने 7500 नगद प्राप्त होता रहा है। जबकि इनका वेतन करीब 10 हजार रुपये बन रहा था।
गोरखपुर, जेएनएन। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय आउटसोॄसग पर तैनात करीब 300 कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है। कर्मचारियों का मानदेय बढऩे के बजाय घट गया है। उनको अब करीब 400 रुपये कम मानदेय मिल रहा है। इससे नाराज कर्मचारियों ने परिसर में प्रदर्शन किया। उन्होंने कुलपति को ज्ञापन भी सौंपा। इसके अलावा सेवा प्रदाता फर्म के कार्यालय का भी घेराव किया।
वेतन दस हजार, अब मिल रहा 7163 रुपये
विश्वविद्यालय में करीब 300 कर्मचारी अकुशल के तौर पर आउटसोर्सिंग सग के जरिए तैनात हैं। इन कर्मचारियों को जेजेजे सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए तैनात किया गया है। इन कर्मचारियों को पिछले छह वर्षों से हर महीने 7500 नगद प्राप्त होता रहा है। जबकि इनका वेतन करीब 10 हजार रुपये बन रहा था। कर्मचारियों का कहना है कि नवंबर 2020 से उनके मानदेय में कटौती हो गई है। अब उन्हेंं 7163 रुपये ही मिल रहे हैं। पिछले तीन महीने से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला था।
वेतन की कम धनराशि को देखकर कर्मचारी खफा
तीन दिन पहले कर्मचारियों के खाते में वेतन क्रेडिट हुआ है। वेतन की कम धनराशि को देखकर कर्मचारियों खफा हो गए। सोमवार को कर्मचारी सेवा प्रदाता फर्म के पास पहुंचे। वहां उन्हें बताया कि इस बार विश्वविद्यालय ने चार दिन का कम वेतन जारी किया है।
30 दिन के बजाय 26 दिन का मिला वेतन
सेवा प्रदाता फर्म के संचालक आरपी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने कर्मचारियों के मानदेय को पूरा नहीं दिया। कर्मचारियों ने 30 दिन काम किया। उन्हेंं सिर्फ 26 दिन का मानदेय जारी किया गया है। कर्मचारियों को हर महीने सिर्फ 26 दिन ही कार्य करने हैं। उधर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी धर्मेंद्र त्रिपाठी ने कहा है कि आउटसोर्सिंग कर्मचारी विश्वविद्यालय प्रशासन के अधीन नहीं होते। वह सेवा प्रदाता के जरिए तैनात होते हैं। वेतन कम जारी हुआ है तो फर्म को लिखित आपत्ति जतानी चाहिए। जांच के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।