सत्यापन के फेर में फंसा नवनियुक्त 40 फीसद शिक्षकों का वेतन Gorakhpur News

गोरखपुर में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के तहत परिषदीय स्कूलों में पहले चरण में 599 तथा दूसरे चरण में 647 समेत कुल 1246 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति हुई थी। इनमें से अधिकांश शिक्षकों का वेतन सत्‍यापन न होने के कारण रुक गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 11:46 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 11:46 AM (IST)
सत्यापन के फेर में फंसा नवनियुक्त 40 फीसद शिक्षकों का वेतन Gorakhpur News
गारेखपुर में सैकड़ों नव नियुक्‍त शिक्षकों का वेतन रुक गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के तहत नवनियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन न होने से 40 फीसद शिक्षक को वेतन नहीं मिल रहा है। यही स्थिति अन्य जनपदों में भी है। इसको देखते शासन ने बीएसए को 26 अप्रैल तक सत्यापूर्ण कार्य पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा है कि त्रुटिपूर्ण, गलत या देरी से सत्यापन के लिए संबंधित जनपद के बीएसए खुद जिम्मेदार होंगे।

शासन ने शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन पूर्ण करने का दिया निर्देश

सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने बीएसए को जारी पत्र में कहा है कि विश्वविद्यालय एवं संस्थाओं द्वारा सत्यापन के लिए निर्धारित शुल्क जनपद स्तर से दी जाएगी। लेकिन ऐसा संज्ञान में आया है कि सत्यापन के संबंध में जनपद स्तर से अपेक्षित कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे चयनित शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पा रहा है। 

जिलों भेजी गई गूगल शीट

यूपी बोर्ड परीक्षा नियामक प्राधिकारी और कई विश्वविद्यालयों की वेबसाइट पर परीक्षाओं के परीक्षाफल उपलब्ध हैं। जिससे संबंधित अभ्यर्थियों के शैक्षिक अभिलेखों का आनलाइन सत्यापन हो सकता है। हालांकि आनलाइन के साथ ही संबंधित संस्था से भौतिक सत्यापन भी कराना अनिवार्य है। उन्होंने कहा है कि भौतिक सत्यापन के लिए सभी जिलों की गूगल शीट भेजी गई है। जिसमें विकास खंडवार समस्त विवरण अंकित किया जाएगा।

गारेखपुर 1246 सहायक अध्यापकों की हुई थी नियुक्ति

जनपद में 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया के तहत परिषदीय स्कूलों में पहले चरण में 599 तथा दूसरे चरण में 647 समेत कुल 1246 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति हुई थी।

जनपद में नवनियुक्त 60 फीसद से अधिक शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन पूर्ण हो चुका है। शेष के सत्यापन की प्रक्रिया भी चल रही है, जिसे जल्द से जल्द पूर्ण कर लिया जाएगा। - भूपेंद्र नारायण सिंह, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी।

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