BRD Medical College Gorakhpur: वेतन मिला नहीं और स्वास्थ्य कर्मियों को हटाने का आदेश जारी

BRD Medical College Gorakhpur कोरोना संक्रमण काल में यहां 350 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन संक्रमण कम होते ही उन्हें उनके कार्य से मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। एक जुलाई से उनकी सेवा नहीं ली जाएगी। अभी उन्हें वेतन भी नहीं दिया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 30 Jun 2021 08:40 AM (IST) Updated:Wed, 30 Jun 2021 08:40 AM (IST)
BRD Medical College Gorakhpur: वेतन मिला नहीं और स्वास्थ्य कर्मियों को हटाने का आदेश जारी
बीआरडी मेडिकल कालेज में 350 स्वास्थ्य कर्मियों को कार्यमुक्त कर दिया गया है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। बीआरडी मेडिकल कालेज के कोरोना वार्ड में संक्रमण काल में 350 स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति की गई थी। लेकिन संक्रमण कम होते ही उन्हें उनके कार्य से मुक्त करने का आदेश जारी कर दिया गया। एक जुलाई से उनकी सेवा नहीं ली जाएगी। अभी उन्हें वेतन भी नहीं दिया गया है। स्टाफ नर्सों ने प्राचार्य को ज्ञापन देकर वेतन सहित 25 फीसद प्रोत्साहन धनराशि दिए जाने की मांग की है।

कल से नहीं ली जाएगी कोरोना वार्ड में काम कर रहे कर्मियों की सेवा

मेडिकल कालेज में पहली लहर में काम करने वाले कर्मियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया था। लगभग चार सौ कर्मचारी संक्रमण कम होने के बाद ड्यूटी से हटा दिए गए थे। इसके लिए उन्होंने धरना-प्रदर्शन भी किया था, लेकिन कालेज प्रबंधन ने उनके समायोजन का प्रयास नहीं किया। इसका दुष्प्रभाव दूसरी लहर में दिखा। जब संक्रमण बढ़ा तो मेडिकल कालेज ने उन्हें पुन: बुलाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं आए।

150 स्टाफ नर्स, 100-100 वार्ड ब्वाय व सफाई कर्मियों की हुई थी नियुक्ति

अंतत: एक कंपनी के माध्यम से 150 स्टाफ नर्स, 100-100 वार्ड ब्वाय व सफाई कर्मियों की नियुक्ति की गई। अब संक्रमण समाप्त होने के बाद उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। जबकि विशेषज्ञ कोरोना संक्रमण के सितंबर में पुन: लौटने की आशंका जाहिर कर रहे हैं। ऐसे में पुन: कालेज प्रशासन के सामने संकट उत्पन्न हो सकता है।

वेतन आने में लगेंगे चार-पांच माह

प्राचार्य डा. गणेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण काल के लिए ही तैनात किया गया था। यह शर्त उन्हें तैनाती के समय ही बता दी गई थी। उनके वेतन के लिए शासन को पत्र लिखा गया है। आने में चार-पांच माह लग सकते हैं। जरूरत पड़ने पर उन्हें पुन: बुलाया जा सकता है। हम देखते हैं कि यदि हमारे पास जगह होगी तो कुछ लोगों को समायोजित भी किया जा सकता है।

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