स्वयंसेवकों के दम पर ही खड़ा है आरएसएस

कुशीनगर में आरएसएस के गुरु पूजन कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि हिंदू समाज में गुरु का विशेष स्थान है संस्कृति की रक्षा के लिए कार्यकर्ता अपना तनमन धन सब कुछ अर्पित करते हैं गुरुदक्षिणा में प्राप्त धन से किया जाता है जनहित का कार्य

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:00 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 12:31 AM (IST)
स्वयंसेवकों के दम पर ही खड़ा है आरएसएस
स्वयंसेवकों के दम पर ही खड़ा है आरएसएस

कुशीनगर: सेवा भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र सेवा प्रमुख नवल ने कहा कि स्वयंसेवक ही आरएसएस की पूंजी हैं। इन्हीं के दम पर संगठन खड़ा है। धर्म व संस्कृति की रक्षा के लिए स्वयंसेवक अपना सब कुछ न्योछावर करने को तैयार रहते हैं।

वह कुशीनगर स्थित बिड़ला धर्मशाला में तथागत प्रभात शाखा के श्रीगुरु पूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कहा कि हिदू समाज में गुरु का महत्वपूर्ण स्थान है। सांस्कृतिक राष्ट्रीय ध्वज भगवा को संघ ने गुरु क्यों माना इस पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की। कहा कि गुरुपूजन के दिन स्वयंसेवक तन, मन व धन का समर्पण करते हैं। उन्होंने बताया कि गुरु दक्षिणा में प्राप्त धन का राष्ट्र हित में उपयोग होता है। कहा कि सभी भारतीय को आभास होना चाहिए कि मैं हिदू हूं, यह हिदुओं का देश है। हम एक हैं, इस भाव से राष्ट्र को परम वैभव के शिखर तक पहुंचा सकते हैं। संघ के संस्थापक डा. हेडगेवार की यही सोच थी। विश्व के 90 देशों में हिदू रहते हैं, 52 देशों में संघ की शाखाएं चलती हैं। भारत में 60 हजार शाखाएं चल रही हैं, इनसे चार लाख गांवों तक संपर्क बना रहता है। कहा कि तीन हजार प्रचारक देश भर में कार्य करते हैं। देश में 26 हजार विद्या भारती के विद्यालय हैं, उनमें 30 हजार शिक्षक कार्यरत हैं। संघ विश्व का सबसे बड़ा परिवार है, यहां सभी लोग समानभाव से सेवा भाव व राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना से कार्य करते हैं। हमारे लिए राष्ट्र सर्वोपरि है। जिला संघचालक डा. चंद्रशेखर, विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी आदि मौजूद रहे।

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