Panchayat Election 2021: कर्फ्यू में भी रात के समय हो रहा दावतों का इंतजाम, पुलिस गश्त पर सभी की नजर Gorakhpur News
रात्रिकालीन कर्फ्यू पूरे जनपद में लागू है। महानगर हो या जिले के छोटे-छोटे कस्बे पुलिस दुकानों को रात नौ बजे के बाद बंद करा रही है। पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस की नजर गांवों पर भी है।
गोरखपुर, उमेश पाठक। दो दिन बाद जिले में त्रिस्तरीय पंचायत के चार पदों के लिए मतदान होगा। मतदान की तिथि नजदीक आते ही गांवों में गहमा-गहमी बढ़ गई है। प्रधान पद के प्रत्याशियों में सबसे अधिक जोर आजमाइश चल रही है। मतदाताओं को खुश करने के लिए पिछले कुछ दिनों से रात में दावतों का दौर चल रहा था। इस दावत के बहाने प्रत्याशियों की जीत को लेकर रणनीति भी बनायी जा रही थी। पर, इसी बीच कोरोना पर नियंत्रण के लिए लगाए गए रात्रिकालीन कर्फ्यू ने 'रात की रणनीति पर पहरा लगा दिया है। चोरी-छिपे दावतों का आयोजन किया जा रहा है और पुलिस की गश्त पर भी निगरानी की जा रही है।
पुलिस की चल रही सख्ती
रात्रिकालीन कर्फ्यू पूरे जनपद में लागू है। महानगर हो या जिले के छोटे-छोटे कस्बे, पुलिस दुकानों को रात नौ बजे के बाद बंद करा रही है। पंचायत चुनाव को देखते हुए पुलिस की नजर गांवों पर भी है। वहां की दुकानें भी बंद हो रही हैं, इसी के साथ खुले में लोग एकत्रित न हों, इस बात पर भी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। सुबह से ही मतदाताओं के बीच जनसंपर्क करने वाले प्रत्याशी रात में अपने समर्थकों के साथ अपने कार्यालय पर एकत्रित हो रहे हैं। दिनभर किए गए संपर्कों, तैयारियों में रह गई कमियों, कौन साथ है, कौन नहीं आदि बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हो रही है। साथ ही खाने-पीने का दौर भी चल रहा है। गांव के
जो लोग दिन में नहीं आ सकते, उन्हें रात के अंधेरे में बुलाने पर जोर दिया जा रहा है।
कर्फ्यू के कारण बैठकें भी परेशानी में
पहले रणनीति को लेकर होने वाली ये बैठकें बेधड़क आयोजित हो रही थीं लेकिन जबसे रात्रिकालीन कर्फ्यू की घोषणा हुई, प्रत्याशियों की धड़कन भी बढ़ गई है। पुलिस के आ जाने का भय भी उन्हें व बैठक में आने वाले ग्रामीणों को सता रही है। विपक्षी की ओर से शिकायत करने का खतरा भी बना रह रहा है। रात्रिकालीन कर्फ्यू 18 अप्रैल तक प्रभावी रहेगा और जिले में मतदान 15 को ही है, ऐसे में सभी को खुश रखना प्रत्याशियों की मजबूरी भी है। अब प्रशासनिक कार्रवाई के भय के साये में प्रत्याशी चोरी-छिपे रात की इन बैठकों को आयोजित आयोजित करने में लगे हैं।