गोरखपुर में रोहिन नदी एक बार फिर खतरे के निशान के पार, सरयू और राप्‍ती का भी जल स्‍तर बढ़ा

रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमुहानी घाट में 82.86 मीटर दर्ज किया गया। नदी खतरे के बिन्दु से 42 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इसी तरह राप्ती नदी का जलस्तर बर्डघाट में 74.61 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के निशान से मात्र 37 सेंटीमीटर नीचे रह गई है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 08:30 AM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 08:30 AM (IST)
गोरखपुर में रोहिन नदी एक बार फिर खतरे के निशान के पार, सरयू और राप्‍ती का भी जल स्‍तर बढ़ा
बड़हलगंज के खोहियापट्टी बैरियाखास मार्ग पर चढ़ा बाढ़ का पानी, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जिले की नदियों के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। रोहिन नदी एक बार फिर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है जबकि राप्ती, सरयू एवं गुर्रा (गोर्रा) नदियों का जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक पहुंच गया है। नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए सिंचाई विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है।

राप्‍ती का भी बढ़ रहा जलस्‍तर

रोहिन नदी का जलस्तर त्रिमुहानी घाट में 82.86 मीटर दर्ज किया गया। नदी खतरे के बिन्दु से 42 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इसी तरह राप्ती नदी का जलस्तर बर्डघाट में 74.61 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के निशान से मात्र 37 सेंटीमीटर नीचे रह गई है। गुर्रा नदी का जलस्तर 69.70 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के निशान से 70 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। इसी तरह सरयू नदी का जलस्तर अयोध्या पुल पर 92.70 मीटर दर्ज किया गया। यह नदी खतरे के बिन्दु से मात्र तीन सेंटीमीटर नीचे रह गई है।

संपर्क मार्गो पर चढ़ा बाढ़ का पानी, बढ़ी परेशानी

बड़हलगंज विकास खंड के खोहियापट्टी-बैरियाखास मार्ग पर राप्ती नदी के बाढ़ से डूब गया है। क्षेत्र में राप्ती व सरयू नदी का बढ़त जारी है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी नदियां तबाही मचाने को बेकरार हैं लेकिन इस बार समय से पहले ही नदियों के जलस्तर बढऩे से ग्रामीण काफी परेशान हैं।

कई गांव बाढ़ की चपेट में

राप्ती नदी के किनारे बसे गांव लखनौरी, लखनौरा, सिंहगुहार, सूबेदारनगर माझा आदि बाढ़ के पानी के चपेट में आ गए हैं। ग्राम पंचायत लखनौरी के सिंहगुहार में बना सामुदायिक शौचालय बाढ़ के पानी से घिर गया है। वहीं डेरवा से बैरियाखास जाने वाले मार्ग पर खोहियापट्टी में तथा सूबेदारनगर माझा में सड़क पर पानी लगने से लोगों को जल जमाव का सामना करना पड़ रहा है। बारिश व बाढ़ के पानी से कृषि कार्य भी प्रभावित हुआ है।

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