सुबह से ही सन्नाटे में डूबी रहीं सड़कें, जरूरत पर ही निकले लोग Gorakhpur News
कोरोना को मात देने के लिए गोरखपुर में हर कोई दमखम से जुटा रहा। लोग अपने-अपने घरों में रहे। उनके इस सटीक निर्णय की देन रही कि सुबह लेकर देर रात तक सड़कों पर हर तरफ सन्नाटा छाया रहा। लोगों ने कर्फ्यू को फुल सपोर्ट किया।
गोरखपुर, जेएनएन : कोरोना को मात देने के लिए गोरखपुर में हर कोई दमखम से जुटा रहा। लोग अपने-अपने घरों में रहे। उनके इस सटीक निर्णय की देन रही कि सुबह लेकर देर रात तक सड़कों पर हर तरफ सन्नाटा छाया रहा। लोगों ने कर्फ्यू को फुल सपोर्ट किया। इससे पुलिस कर्मियों को भी बहुत मेहनत करने की जरूरत नहीं पड़ी। कोरोना के विरुद्ध लोगों की इस एकता को देख एकबार यह प्रतीत हुआ कि कोराना को हराना बहुत कठिन नहीं है।
दो गज की दूरी मास्क है जरूरी। गोरखपुर के अधिकांश चौराहों पर पुलिस के द्वारा यह श्लोगन सुनने को मिल जाएगा। कृपया मास्क लगाएं, नहीं तो आपका चालान हो जाएगा। बावजूद इसके गोलघर, घंटाघर, रेतीरोड, बैंकरोड, टाउनहाल, नखासचौक, शास्त्रीचौक, बरगदवा, मोहद्दीपुर, पैडलेगंज में लोग घंटों जाम से जूझते हैं। लेकिन रविवार को सुबह से ही सड़कें सन्नाटें डूबी रहीं।
खाली सड़कें देख पुलिसकर्मी भी हट गए
यहां तक सुबह से सड़क मुस्तैद पुलिस कर्मी भी खाली सड़कें देख हट गए। कोई पुलिस कर्मी पेड़ के नीचे नजर आया तो कुछ भवनों के किनारे थोड़ी सी छांव देखकर आराम करते दिखे। गोलघर के पास एक पुलिस कर्मी ने कहा कि सड़क पर बैठकर करे ही क्या, जब कोई आने-जाने वाला ही नहीं है। सड़क पर इक्का-दुक्का सिर्फ वही नजर आ रहे हैं, जो विशेष जरूरत वाले हैं। किसी को दवा लेनी है तो कोई बाहर से आ रहा है उसे गांव के लिए बस पकड़नी है।
सड़क पर वाहन कम होने से परेशान दिखे प्रवासी
महराजगंज जिले के पुरंदरपुर थाने के ग्राम महदेवा निवासी विक्रम धर्मशाले के पास बैग लेकर पैदल जाते दिखे। उनके साथ उनके दो और साथी थे। उन्होंने बताया कि वह मुंबई से आ रहे हैं। सड़क पर रोडवेज की बसें चल रही हैं, लेकिन उनकी बस बरगदवा से मिलेगी। ऐसे में स्टेशन से उन्हें पैदल बरगदवा तक जाना पड़ेगा। ऐसे ही गोरखपुर जिले के पीपीगंज थाना क्षेत्र के डाढ़ाडीह निवासी राजेंद्र ने बताया कि लखनऊ से आ रहे हैं। मजदूरी में सड़क आना पड़ा। लोगों की संख्या कम होने से बसें भी ना के बराबर हैं। ऐसे में पैदल ही जाना पड़ रहा है।