खतरे के निशान से नीचे बह रही नदी, डिस्चार्ज व जलस्तर में उतार-चढ़ाव से बांध पर बढ़ रहा दबाव

कुशीनगर में लगातार एक सप्ताह तक वाल्मीकि नगर बैराज से डिस्चार्ज में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इसके सापेक्ष पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर में भी कमी हो रही थी। डिस्चार्ज में पांच हजार क्यूसेक की कमी दर्ज की गई।

By Rahul SrivastavaEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 07:50 AM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 07:50 AM (IST)
खतरे के निशान से नीचे बह रही नदी, डिस्चार्ज व जलस्तर में उतार-चढ़ाव से बांध पर बढ़ रहा दबाव
नोनिया पट्टी में दबाव बनाती नदी। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : कुशीनगर में लगातार एक सप्ताह तक वाल्मीकि नगर बैराज से डिस्चार्ज में लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इसके सापेक्ष पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर में भी कमी हो रही थी। डिस्चार्ज में पांच हजार क्यूसेक की कमी दर्ज की गई। डिस्चार्ज 1.34 लाख क्यूसेक रहा, लेकिन जलस्तर में 10 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई और यह 75.30 मीटर पर पहुंच गया। नदी खतरा के निशान 76.20 मीटर से 90 सेंटीमीटर नीचे बह रही है। डिस्चार्ज व जलस्तर में उतार चढ़ाव से एपी बांध के किमी 12.500 बाघाचौर, किमी 12860 नोनिया पट्टी, किमी 14.500 अहिरौलीदान अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 लक्ष्मीपुर व किमी जीरो से किमी 800 बरवापट्टी पर दबाव है। एक्सईएन महेश कुमार सिंह ने बताया कि बांध सुरक्षित है। अभियंता स्थिति पर नजर बनाए हैं। संवेदनशील स्थानों की सतत निगरानी की जा रही है।

क्षतिग्रस्त सड़कों की वजह से खड़ी हो रही मुसीबत

खड्डा तहसील क्षेत्र की क्षतिग्ररूत पनियहवा-खड्डा, खड्डा-रामपुर गोनहा, खड्डा-मदनपुर सुकरौली, खड्डा-भैंसहा आदि सड़कें गड्ढामुक्त दावों की पोल खोल रही हैं। विभाग के ठीकेदारों ने इन सड़कों की मरम्मत कराई थी, लेकिन छह माह में ही स्थिति बदतर हो गई। इन सड़कों पर अनगिनत गड्ढे व बिखरी गिट्टियों से आवागमन में मुसीबत खड़ी हो रही है।

सड़कें क्षतिग्रस्त होने से हो रही परेशानी

क्षेत्र के विजय कन्नौजिया, विनय सिंह, निक्कू केसरी, भीम गोड़, मोहन भारती, फागू, चंद्रशेखर कुशवाहा, श्रीनिवास कुशवाहा आदि ने कहा कि खड्डा कस्बा में तहसील, ब्लाक, थाना, आधा दर्जन बैंकों की शाखाएं, कई इंटर कालेज, महाविद्यालय, चीनी मिल, केन यूनियन कार्यालय, एफसीआइ गोदाम, विद्युत उपकेंद्र व निजी संस्थान संचालित होते हैं, जहां प्रतिदिन लोगों का आना-जाना होता है। सैकड़ों दो पहिया और चार पहिया गाड़ियां भी आती-जाती हैं। सड़कें क्षतिग्रस्त होने की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। मरम्मत के समय ही खराब गुणवत्ता की शिकायत अधिकारियों से की गई थी, लेकिन संज्ञान नहीं लिया गया।

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