Gorakhpur Panchayat Election: चौक-चौराहों पर हारजीत की चर्चा शुरू, समीक्षा में बीत रहा दिन Gorakhpur News

सुबह के समय सभी प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने कार्यालयों पर जुटे। इस बात को लेकर गहन चर्चा हुई कि कितने वोट शत-फीसद मिले हैं। इसके आधार पर प्रत्याशियों ने अपनी जीत-हार का आकलन भी किया। अंतिम समय में कौन बदलकर दूसरे खेमे में चला गया इसको लेकर भी चर्चा रही।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 10:28 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 05:58 PM (IST)
Gorakhpur Panchayat Election: चौक-चौराहों पर हारजीत की चर्चा शुरू, समीक्षा में बीत रहा दिन Gorakhpur News
पंचायत चुनाव के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। मतदान के बाद प्रत्‍याशियों के समर्थक अपने-पराए की समीक्षा में लगे रहे। कभी प्रत्याशी के घर तो कभी चौराहे पर चाय की दुकान में बैठकर चर्चा होती रही कि किसने वोट दिया और किससे मायूसी मिली है। कुछ स्थानों को छोड़ दें तो पूरे जिले में मतदान के अगले दिन शांति बनी रही।

एक एक वोट की हो रही समीक्षा

चुनाव की थकान मिटाने के बाद प्रत्‍याशियों के समर्थकों में जोश बढ़ा हुआ है। अभी अपने-अपने प्रत्‍याशियों की जीत का दावा करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। इतना ही नहीं, वह एक एक वोट पर भी समीक्षा करते हुए दिखाई पड़ रहे हैं। वोट न देने वालों के बारे में भी लोग अपने अपने हिसाब से राजनीतिक बात कहते हुए दिखाई पड़ जा रहे हैं। खेत-खलिहान में भी लोग एक दूसरे के बारे में अपने अपने हिसाब से आंकलन कर रहे हैं।

कार्यालयों पर पहुंचे समर्थक

सुबह के समय सभी प्रत्याशियों के समर्थक अपने-अपने कार्यालयों पर जुटे। इस बात को लेकर गहन चर्चा हुई कि कितने वोट शत-फीसद मिले हैं। इसके आधार पर प्रत्याशियों ने अपनी जीत-हार का आकलन भी किया। अंतिम समय में कौन बदलकर दूसरे खेमे में चला गया, इसको लेकर भी चर्चा रही। दिन में गांव के चौराहों पर लोग मिले तो वहां भी चुनाव की ही चर्चा रही। कुछ प्रत्याशियों को मतदाता सूची से नाम अंतिम समय में विलोपित हो जाने का मलाल था।

प्रशासनिक तैयारियों पर भी सवाल

बातों-बातों में ही प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल भी खड़े किए गए। सूची से नाम गायब करने के मामले में कई समर्थकों ने जिला प्रशासन से शिकायत करने की बात भी कही। कुछ लोगों का मानना था कि इससे कुछ फायदा नहीं होगा, लेकिन नीचे के कर्मचारियों की मिली भगत से नाराज समर्थकों ने शिकायत करने को सही ठहराया। कई गांवों में प्रत्याशियों के नाम ही मतदाता सूची से गायब होने की सूचना पर भी बहस हुई। जिला पंचायत व क्षेत्र पंचायत सदस्य जैसे पदों पर वोट इधर का उधर जाने की बातें भी चर्चा में शामिल रहीं।

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